कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण, क्या धारा 370 अभी बाक़ी है?
भारत प्रशासित कश्मीर से लगातार ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि वहां इस समय ऐसी स्थिति है जिससे हर ओर एक डर का माहौल बना हुआ है। जहां कश्मीर के अधिकतर अलगाववादी नेता नज़रबंद हैं वहीं इस राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री भी अपने घरों में हिरासत में ले लिए गए हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सोमवार को भारत प्रशासित कश्मीर में जारी असमंजस की स्थिति के बीच इस देश की मोदी सरकार की कैबिनेट की बड़ी बैठक हुई। बैठक के बाद भारतीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बड़ा ऐलान करते हुए अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया। इस बीच जहां भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है कि कश्मीर से धारा 370 पूरी तरह समाप्त हो गई है वहीं कई भारतीय संविधान विशेषज्ञों ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है। मोदी सरकार द्वारा धारा 370 निरस्त किए जाने के एलान को लेकर भारतीय संविधान विशेषज्ञ डी के दुबे ने बताया, "धारा 370 को लेकर जो संशोधन आया है इसे 'संवैधानिक आदेश 272' कहा गया है। इसमें धारा 370 को ख़त्म नहीं किया है।
संविधान विशेषज्ञ डी के दुबे का कहना है कि 'क्लाज़ वन' के साथ धारा 370 जीवित रहेगी, लेकिन 'क्लाज़ टू और थ्री' को ख़त्म कर दिया गया है जिसके बाद भारत का पूर्ण संविधान वहां लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक कश्मीर में भारतीय संविधान के 350 प्रोविज़िन लागू थे जो संवैधानिक आदेश 1954 से लागू हैं और अब इसी संवैधानिक आदेश 1954 को आगे बढ़ाया गया है। इस नए आदेश के अनुसार भारतीय संविधान में आज तक जो भी संशोधन हुए हैं और जो भी प्रावधान आए हैं वह सब के सब अब जम्मू-कश्मीर में लागू होंगे। श्री दूबे ने बताया कि भारतीय संविधान के लागू होने के बाद वहां पर आर्टिकल तीन भी लागू हो गया है, जिससे दिल्ली सरकार को यह शक्ति मिल गई है कि वह कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर सके।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने आज राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया जिसमें जम्मू-कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायिका वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा। (RZ)