तबलीग़ी जमाअत के कार्यक्रम से बढ़ीं सरकार की मुशकिलें, कोरोना संदिग्धों को ढूंढ निकालना कठिन काम
(last modified Wed, 01 Apr 2020 14:18:56 GMT )
Apr ०१, २०२० १९:४८ Asia/Kolkata
  • तबलीग़ी जमाअत के कार्यक्रम से बढ़ीं सरकार की मुशकिलें, कोरोना संदिग्धों को ढूंढ निकालना कठिन काम

भारत की राजधानी दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाक़े में मार्च में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम और इसके लिए हज़ारों की संख्या में देश विदेश से लोगों के एकत्रित होने का मुद्दा भारत सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

भारतीय मीडिया के अनुसार तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में देश-विदेश से क़रीब 4,000 लोग आए थे। सरकार और स्थानीय प्रशासन कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों को तलाशने के काम में लगी हुई है ताकि सभी का कोरोना वायरस टेस्ट कराया जा सके। सूचना है कि 1800 लोगों को चेकआप और क्वैरेंटाइन के लिए 9 अस्पतालों और केन्द्रों में भेजा गया है।

तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि राज्य में अब तक जो 57 लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं उनमें से 50 तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, इससे पहले तेलंगाना ने कहा था कि राज्य में पांच मौतें हुई हैं और ये सभी वे लोग थे जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

कार्यक्रम में शामिल होने वाले जम्मू कश्मीर के 850 लोगों में से 25, दिल्ली के 4,000 लोगों में से 24, उत्तर प्रदेश के 157 लोगों में से 6, तेलंगाना के 386 लोगों में से 49, आंध्र प्रदेश के 711 लोगों में से 29, तमिलनाडु के 1,500 लोगों में से 124 और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 11 लोगों में से 9 अब तक कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं।

वहीं, जनसत्ता में छपी एक ख़बर के अनुसार कार्यक्रम में 281 विदेशी भी शामिल हुए थे। इनमें इंडोनीशिया के 72, श्रीलंका के 34, म्यांमार के 33, किर्गिस्तान के 28, मलेशिया के 20, नेपाल और बांग्लादेश के 9-9, थाईलैंड के 7 और फिजी के 4 लोग थे।

इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने निज़ामुद्दीन के तबलीग़ी जमात मरकज़ मामले पर कहा है कि इस जमात ने तालिबानी अपराध किया है, इस आपराधिक काम को माफ़ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तबलीग़ी जमात मरकज़ ने कई लोगों की जान को ख़तरे में डाला। नक़वी ने मांग की है कि उन लोगों और संगठन के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया।

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