क्या भारत बातचीत से चीन को पीछे हटा पाएगा? गालवान घाटी की नई सैटेलाइट तस्वीरें कुछ और बयान कर रही हैं
पूर्वी लद्दाख़ में गलवान घाटी में एलएसी के दोनों ओर चीनी सेना के मौजूद होने की ख़बर है।
भारत-चीन में पूर्वी लद्दाख़ में चल रहे तनाव के बीच मंगलवार को ख़बर आई थी कि दोनें देशों ने इस इलाक़े में लाइन ऑफ़ ऐक्चुअल कंट्रोल एलएसी से अपनी-अपनी सेनाएं वापस बुलाए जाने को लेकर, सहमति जताई है, लेकिन ऐसे में कुछ नई सैटेलाइट तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि गलवान घाटी में एलएसी के दोनों ओर चीनी सेना मौजूद है। गलवान घाटी में चीनी वान और उनके कुछ ढांचे दिख रहे हैं, यानी उनकी ओर से कुछ निर्माण कार्य किया गया है। 15 जून की रात को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुयी थी, जिसमें 20 भारतीय जवान मारे गए।
16 जून को कुछ तस्वीरें ली गई थीं, जिनमें उस जगह पर कुछ मलबा दिखाई दे रहा है लेकिन जो नई तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें देखा गया है कि इलाक़े में संभावित रूप से चीनी सेना की मौजूदगी बढ़ी है, वहीं इलाक़े में एलएसी की ओर जाने वाले चट्टानी रास्ते पर बनाए गए शेल्टर दिख रहे हैं, यह सबकुछ 16 जून की तस्वीर में नहीं था।
ग़ौरतलब है कि सोमवार को चुशुल के पास चीनी सीमा के तहत आने वाले इलाक़े मोल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई थी, जिसमें दोनों सेनाओं ने एलएसी में उन सभी सेक्टरों से अपनी सेनाएं बुलाने पर आपसी सहमति जताई थी, जिन पर मतभेद चल रहे हैं। भारतीय सेना की ओर से कहा गया था कि बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई है। हालांकि, अभी तक दोनों देशों की ओर से सेना को इलाक़े से हटाए जाने की वास्तविक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।
भारतीय सेना बातचीत करके मामले को सुलझाना चाहती है, हालांकि, यह आशंका बनी हुई है कि लद्दाख के कई इलाक़ों में दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव का इतनी जल्दी कोई समाधान नहीं निकलने वाला है।
ग़ौरतलब है कि अप्रैल महीने में ही लद्दाख के पेंगोग झील से लगे हुए फिंगर इलाके, गोगरा में आर्मी पोस्ट के पास हॉट स्प्रिंग एरिया, गलवान घाटी और उत्तर में और आगे बढ़कर स्थित देप्सांग इलाक़े में चीनी घुसपैठ की खबर आने के बाद दोनों देशों में तनाव बना हुआ है, जो 15 जून की हिंसक झड़प के बाद और बढ़ गया है।