प्रवासियों की मौत का मुद्दा, केन्द्र सरकार से शायराना अंदाज़ में राहुल ने दाग़े कई सवाल
भारत के सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के नेता वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार से पूछा कि सरकार ने अगर प्रवासियों के मौत का रिकॉर्ड नहीं रखा तो क्या मौतें नहीं हुईं?
मंगलवार सुबह ट्वीट कर राहुल गांधी ने सरकार से सवाल किया कि मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गईं।
उन्होंने शायराना अंदाज़ अपनाते हुए तंज़ किया कि तुमने न गिना तो क्या मौत न हुई? हां मगर दुख है सरकार पे असर न हुई, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर न हुई।
राहुल गांधी के इस ट्वीट के जवाब में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि मृतकों की संख्या को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि चूंकि इस तरह का डेटा नहीं जुटाया गया था इसलिए पीड़ितों या उनके परिवारों को मुआवज़े का सवाल ही नहीं उठता।
ज्ञात रहे कि मॉनसून सत्र के पहले दिन केंद्र सरकार ने संसद को बताया है कि प्रवासी मज़दूरों के मौत का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लॉकडाउन की वजह से लाखों मजदूरों ने शहरों से गांवों की ओर पलायन किया था जिनमें से दर्जनों की मौत रास्ते में अलग-अलग वजहों से हो गई थी। (AK)
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