भारत और बांग्लादेश ने विवादित मुद्दों पर चर्चा की, तीस्ता नदी का मुद्दा भी उठा
(last modified Wed, 30 Sep 2020 02:36:56 GMT )
Sep ३०, २०२० ०८:०६ Asia/Kolkata
  • भारत और बांग्लादेश ने विवादित मुद्दों पर चर्चा की, तीस्ता नदी का मुद्दा भी उठा

भारत और बांग्लादेश ने द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार और विवादित मुद्दों पर चर्चा की।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, भारत-बांग्लादेश संयुक्त परामर्श आयोग की छठी बैठक में म्यामार के राख़ीन प्रांत से जबरन विस्थापित लोगों के सुरक्षित, त्वरित और सतत् वापसी के महत्व पर भी बल दिया गया। बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके बांग्लादेशी समकक्ष ए. के. अब्दुल मोमेन ने किया। दिसम्बर में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच डिजिटल शिखर बैठक से पहले इसमें द्विपक्षीय संबंधों की विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक के बाद भारतीय पक्ष ने कहा कि बांग्लादेश में नई दिल्ली की तरफ से जिन विकास परियोजनाओं के लिए फाइनेंस किया जा रहा है, उसकी निगरानी के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय प्रणाली का गठन किया जाएगा।

बांग्लादेश और भारत के विदेशमंत्रियों की यह वर्चुअल बैठक थी जिसमें तीस्ता नदी के जल बंटवारे के अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता भी दोहराई गई।

काफी समय से लंबित तीस्ता नदी जल बंटवारे पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सितम्बर 2011 में बांग्लादेश दौरे के समय ही समझौता होना था लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद अंतिम समय में इसे स्थगित कर दिया गया था।

कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा के दौरान भारत के विदेशमंत्री एस जे जयशंकर ने बांग्लादेश को कोविड-19 टीके की आपूर्ति में प्राथमिकता देने की बात दोहराई और नयी दिल्ली के 'पड़ोसी प्रथम नीति में बांग्लादेश के महत्व को उजागर किया।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने भारतीय पक्ष से आग्रह किया कि भारत की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के तहत उनके देश के निवेशकों के साथ समान व्यवहार हो ताकि वे ऑटोमेटिक रूट के तहत निवेश कर सकें। बयान में कहा गया कि मोमेन ने भारतीय पक्ष से आग्रह किया कि रोगियों सहित बांग्लादेशी नागरिकों और भारत के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को वीज़ा जारी करने पर विचार करें।

बैठक में दोनों मंत्रियों ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर संयुक्त रूप से स्मारक डाक टिकट जारी किया।

भारत की ओर जारी बयान में कहा गया है कि शैख़ मुजीबुर्रहमान की जयंती पर 16 दिसम्बर को स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा।

बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने मुक्ति संग्राम की 50वीं वर्षगांठ और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने की 50वीं वर्षगांठ को संयुक्त रूप से मनाने का निर्णय किया। (AK)

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