अनियोजित लॉकडाउन ने लाखों लोगों को भारत में गरीबी में धकेल दियाः राहुल गांधी
राहुल गांधी ने भारत की केन्द्र सरकार पर सच्चाई छिपाने की बात कही है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना महामारी पर संसदीय समिति की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
केंद्र सरकार पर सच्चाई छुपाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अनियोजित लॉकडाउन ने लाखों लोगों को गरीबी में धकेल दिया है। साथ ही नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया और डिजिटल विभाजन के कारण छात्रों के भविष्य के साथ समझौता किया है। राहुल गांधी ने यह बात कोरोना महामारी पर संसदीय समिति की रिपोर्ट सामने आने पर कही है।
राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि मोदी सरकार के अनियोजित लॉकडाउन ने देश के लाखों लोगों को गरीबी में धकेल दिया, नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया और डिजिटल विभाजन के कारण छात्रों के भविष्य के साथ समझौता किया। उन्होंने कहा कि यह एक कड़वी सच्चाई है जिसे भारत सरकार अपने झूठ के जरिए छिपाने की कोशिश करती है।
याद रहे कि स्वास्थ्य संबंधी स्थाई संसदीय समिति ने कोरोना महामारी का प्रकोप और इसके प्रबंधन पर रिपोर्ट में कहा कि 1.3 अरब की आबादी वाले देश में स्वास्थ्य पर बेहद कम खर्च है। भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था के नाजुक होने के कारण महामारी से प्रभावी तरीके से मुकाबला करने में बड़ी बाधा आई। समिति ने यह भी कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी और इस महामारी के इलाज के लिए विशिष्ट दिशानिर्देशों के अभाव में निजी अस्पतालों ने काफी बढ़ा-चढ़ाकर पैसे वसूले हैं।
ज्ञात रहे कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसद की स्थायी समिति ने कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और इससे विभिन्न क्षेत्रों में पड़े प्रभावों का आकलन किया है। संसद की एक समिति ने कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य पर अप्रत्याशित खर्च के चलते कई परिवारों के गरीबी रेखा से नीचे जाने की संभावनाओं को लेकर चिंता जाहिर की है। इस संसदीय समिति ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवा की ख़राब स्थिति को लेकर वह चिंतित है और सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाने की सिफ़ारिश करती है।
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