57 देशों के संगठन की ओर से भारत की निंदा, पाकिस्तान हुआ ख़ुश
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इस्लामी सहयोग संगठन के कश्मीर के संबंध में प्रस्ताव को अपने देश की जीत बतायी है।
शाह महमूद क़ुरैशी का सोमवार को यह बयान ऐसी हालत में सामने आया है कि एक दिन पहले इस्लामाबाद ने कहा था कि इस्लामी सहयोग संगठन के 57 सदस्य देशों ने उस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है, जिसमें नई दिल्ली के पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को हासिल विशेष अधिकार के ख़त्म किये जाने के फ़ैसले पर सवाल उठाया गया है।
शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि इस प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति को लेकर भारत की निंदा हुयी और नई दिल्ली से मांग की गयी कि वह ग़ैर कश्मीरियों को डोमिसाइल सर्टिफ़िकेट को रद्द करे और दूसरी ग़ैर क़ानूनी कार्यवाहियाँ रोके।
नाइजर की राजधानी नियामे में 27 और 28 नवंबर को ओआईसी के विदेश मंत्रियों की परिषद की 47वीं बैठक के अंत में कश्मीर के बारे में पारित प्रस्ताव पर भारत ने प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहा है कि ओआईसी को इस विषय में बोलने का अधिकार नहीं है।
ओआईसी के घोषणा पत्र में आया हैः “यह संगठन फ़िलिस्तीनी कॉज़ का समर्थन करने के साथ ही हिंसा, चरमपंथ, आतंकवाद व इस्लामोफ़ोबिया के ख़िलाफ़ संघर्ष करेगा, विदेश मंत्रियों की परिषद ग़ैर सदस्य देशों में इस्लामी समाज और अल्पसंख्यकों के मामलों, इंटरनैश्नल कोर्ट में रोहिंग्या मामले के लिए पैसों की मदद इकट्ठा करने, धर्मों, मतों, संस्कृतियों और सभ्यताओं के बीच संवाद को बढ़ावा देने सहित नए मुद्दों पर ध्यान देगी।”
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान में आया है कि ओआईसी के 57 देशों ने आरएसएस और बीजेपी सरकार की नीतियों को रद्द करते हुए भारत से मांग की है कि वह ऐसा कोई काम न करे जिससे कश्मीर में आबादी का रेशियो बदले। (MAQ/N)
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