अब ब्रम्हपुत्र नदी को लेकर बढ़ रहा है चीन और भारत का विवाद...चीन की परियोजना से भारतीय अधिकारियों में गहरी चिंता...जवाबी कार्यवाही पर विचार
(last modified Wed, 02 Dec 2020 12:08:34 GMT )
Dec ०२, २०२० १७:३८ Asia/Kolkata
  • अब ब्रम्हपुत्र नदी को लेकर बढ़ रहा है चीन और भारत का विवाद...चीन की परियोजना से भारतीय अधिकारियों में गहरी चिंता...जवाबी कार्यवाही पर विचार

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि वह अरुणाचल प्रदेश में ब्रम्हपुत्र नदी पर इसलिए बांध बनाना चाहते हैं कि इस नदी के बारे में चीन की परियोजनाओं के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।

एक अधिकारी ने रोयटर न्यूज़ एजेंसी को बताया कि भारत 10 गीगावाट का हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाना चाहता है। चीन में इस नदी को यारलुंग सैंगपो के नाम से जाना जाता है जो तिब्बत से भारत के अरुणाचल प्रदेश और वहां से असम से गुज़रती हुई बांग्लादेश जाती है। भारतीय अधिकारियों को चिंता है कि इस नदी से जुड़ी चीनी परियोजनाओं के नतीजे में भारतीय इलाक़ों में बाढ़ आएगी या पानी की कमी होगी। इसलिए वह इस स्थिति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं।

भारत के केन्द्रीय जल मंत्रालय के अधिकारी टीएस मिश्रा का कहना है कि समय की मांग है कि भारत अरुणाचल प्रदेश में नदी पर बांध बनाए। इस प्रस्ताव पर सरकार में उच्च स्तर पर विचार किया जा रहा है।

भारत और चीन के कूटनयिक संबंधों में काफ़ी तनाव है क्योंकि लदाख़ में दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने हैं।

कुछ टीकाकार कहते हैं कि ब्रम्हपुत्र पर बांध का निर्माण अब भारत और चीन के बीच टकराव का नया मुद्दा बन सकता है क्योंकि चीन ने जिस जगह पर बांध बनाने की योजना बनाई है वह भारतीय सीमा के बहुत क़रीब है।

भारत और चीन के बीच सीमावर्ती इलाक़े में तनाव है, समुद्री इलाकों में भी टकराव के हालात बन रहे हैं और अब पानी की लड़ाई भी शुरू हो सकती है। यह कहना है भारत चीन संबंधों के विशेषज्ञ ब्रम्हा चेलानी का।

गत सोमवार को चीनी मीडिया में यह ख़बर आई कि चीन ब्रम्हपुत्र नदी पर 60 गीगावाट हाइड्रो पावर कैपेसिटी का बांध बना सकता है।

चीन की पावर कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन के प्रमुख यान ज़ीयोंग का कहना है कि नदी पर बांध बनाने की योजना एतिहासिक मौक़ा है।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि चीन हमें आश्वासन दे चुका है कि नदी पर कोई एसी परियोजना नहीं बनाएगा जिससे भारत पर नकारात्मक असर पड़े लेकिन हमें नहीं मालूम कि यह आश्वासन कब तक चलेगा।

एशिया में नदियों पर बांध का निर्माण क्षेत्रीय विवाद का कारण बनता रहा हैं चीन पर आरोप है कि उसने मेकांग नदी पर कई बांध बनाएं जिनसे पड़ोसी देशों पर बड़े नकारात्मक असर पड़े लेकिन चीन इस आरोप को नहीं मानता।

भारत और बांग्लादेश के बीच भी इसी प्रकार के विवाद हैं जबकि भारत और पाकिस्तान का विवाद भी अब तक हल नहीं हो सका है।

स्रोतः अलजज़ीरा+रोयटर्ज़

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