कथित लव जिहाद मामला, यूपी में सबसे अधिक गिरफ़्तारियां, हर दिन एक से ज़्यादा गिरफ़्तारी ...
धर्मांतरण रोधी क़ानून के तहत उत्तर प्रदेश में अब तक सबसे अधिक गिरफ़्तारियां हुई हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस अब तक लगभग 35 लड़कों को गिरफ़्तार कर चुकी है जबकि अगर औसत निकाला जाए तो एक दिन में एक से ज़्यादा लोगों की गिरफ़्तारी हो रही है।
27 नवम्बर को राज्यपाल द्वारा अध्यादेश की मंज़ूरी के बाद से पुलिस ने लगभग एक दर्जन से अधिक एफ़आईआर दर्ज की है।
आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश के एटा से आठ, सीतापुर से सात, ग्रेटर नोएडा से चार, शाहजहांपुर और आजमगढ़ से तीन-तीन, मुरादाबाद, मुज़फ्फ़रनगर, बिजनौर और कन्नौज से दो-दो और बरेली, हरदोई से एक-एक गिरफ्तारी हुई है।
अध्यादेश के लागू होने के ठीक एक दिन बाद बरेली के देवरनिया थाने में पहला मुक़द्दमा दर्ज किया गया जिसमें लड़की के पिता टीकाराम राठौर ने शिकायत की कि 22 वर्षीय उवैस अहमद ने उनकी बेटी से दोस्ती करने की कोशिश की और धर्म परिवर्तन के लिए जबरन दबाव बनाया और लालच देने की कोशिश की।
इसी तरह लखनऊ पुलिस ने राजधानी में एक अंतरधार्मिक विवाह रोक दिया और दंपति से पहले क़ानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कहा गया।
ज्ञात रहे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जौनपुर में भाजपा की एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुसलमानों को सचेत करते हुए कहा था कि जो लोग अपनी पहचान छिपाकर लव जिहाद करते हैं, उनकी राम नाम सत्य है कि यात्रा निकलने वाली है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंह ने कहा कि आधुनिक युग में आज़ादी की जो परिभाषा है, उसके हिसाब से लोगों को यह अध्यादेश पसंद नहीं आएगा लेकिन समाज का जो वर्तमान स्वरूप है उसमें क़ानून-व्यवस्था के लिए जो समस्या खड़ी हो जाती, उसमें काफ़ी राहत मिलेगी।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 27 नवम्बर को उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश- 2020 को मंज़ूरी दी थी।
इस अध्यादेश के तहत शादी के लिए छल-कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर अधिकतम 10 साल के कारावास और जुर्माने की सज़ा का प्रावधान है। (AK)
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