अयोध्या में लगे “ले के रहेंगे आज़ादी” के नारे, प्रिंसिपल ने मामले को राममन्दिर से जोड़ा, हंगामा, छात्रों पर राजद्रोह का मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले के सरकार द्वारा संचालित के.एस. साकेत डिग्री कॉलेज के छः छात्रों समेत कई लोगों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
इन लोगों पर यह मामला कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा आज़ादी के लिए देशविरोधी नारे लगाने की शिकायत दर्ज कराने के बाद दर्ज हुआ है।
प्रिंसिपल डीएन पांडे ने कहा कि 16 दिसम्बर को परिसर में “ले के रहेंगे आज़ादी” जैसे अभद्र और देशविरोधी नारे लगाए गए।
उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि स्थल के क़रीब होने के कारण उन्हें ऐसी देश विरोधी गतिविधियों को देखने की ज़रूरत होती है और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय “जेएनयू” में लगाए गए नारे को मंज़ूरी नहीं दे सकते।
प्रिंसिपल की शिकायत में कहा गया कि बीते 7 दिसम्बर से एडमिशन प्रॉसेस और क्लासेज़ चल रही हैं, इस दौरान कुछ बाहरी लोगों, असामाजिक तत्वों और तथाकथित नेताओं ने छात्र चुनावों की मांग करते हुए विरोध शुरू कर दिया। 16 दिसम्बर को ये छात्र कॉलेज में घुसे और मेन गेट को बंद कर दिया और टीचरों, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन और छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया। वे “ले के रहेंगे आज़ादी” जैसे अभद्र और देशविरोधी नारे लगाने लगे, घटना के कारण कॉलेज के छात्रों में ग़ुस्सा और भय पैदा हो गया।
मामले को राम मंदिर से जोड़ते हुए पांडे ने कहा कि यह अयोध्या में एक संवेदनशील जगह है जो कि जन्मभूमि से मुश्किल से 500 मीटर दूर है, हमें देश विरोधी गतिविधियों को देखने की ज़रूरत है।
छात्रों ने कहा कि वे केवल कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव न कराए जाने का विरोध कर रहे थे और उनके नारे प्रिंसिपल और चीफ़ प्रॉक्टर के विरुद्ध थे।
1991 में स्थापित केएस साकेत कॉलेज में लगभग 10 हज़ार छात्र हैं।
अयोध्या पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज व वीडियोज़ की जांच कर रहे हैं, अगर कोई अपराध हुआ है तो उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। (AK)
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