केन्द्र सरकार ने जनता के सामने भूख, बेरोज़गारी और आत्महत्या का विकल्प रखा हैः राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह हम दो, हमारे दो की सरकार है।
उन्होंने गुरुवार को तीन नए कृषि क़ानूनों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कल प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में विपक्ष के बारे में बोला था कि विपक्ष आंदोलन की बात कर रहा है, लेकिन कृषि क़ानूनों के कॉन्टैंट और इन्टैंट के बारे में नहीं बोल रहा है, तो मैंने सोचा कि आज प्रधानमंत्रीजी को खुश करें और कृषि कानूनों के कॉन्टैंट को लेकर बात करें।
उन्होंने कहा कि पहले कानून का कॉन्टैंट यह है कि कोई भी व्यक्ति देश में कहीं भी कितना भी अनाज, सब्जी, फल खरीद सकता है। जितना भी खरीदना चाहता है तो खरीद सकता है। अगर देश में अनलिमिटेड खरीददारी होगी तो मंडी में कौन जाकर खरीदेगा। पहले कानून का कॉन्टैंट का लक्ष्य मंडियों को खत्म करने का है।
उनका कहना था कि दूसरे कानून का कॉन्टैंट है कि बड़े से बड़े उद्योगपति जितना भी स्टॉक करना चाहते हैं, कर सकेंगे। इसका मतलब जमाखोरी को देश में चालू करने का है जबकि तीसरे कानून का कॉन्टैंट यह है कि जब किसान देश के सबसे बड़े उद्योगपति के पास जाकर अपने अनाज का सही दाम मांगेगा तो उसे कोर्ट में न जाने दिया जाएगा।
लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि यह किसानों का सिर्फ आंदोलन नहीं है, यह देश का आंदोलन है। एक आवाज से पूरा देश उठने वाला है। पूरा देश एक आवाज से हम दो-हमारे दो के खिलाफ उठने जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि इन कानूनों के बाद देश का कृषि क्षेत्र दो-चार उद्योगपतियों के हाथ में चला जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि उन्होंने विकल्प दिया है, जी हां इन्होंने भूख, बेरोज़गारी और आत्महत्या का विकल्प दिया है। (AK)
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