तेल के खेल में कहीं बिगड़ न जाएं सऊदी अरब से भारत के संबन्ध
भारत ने सऊदी अरब से कच्चे तेल के आयात की निर्भरता कम करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
भारत ने मध्यपूर्व विशेषकर सऊदी अरब से पर कच्चे तेल की अपनी निर्भरता को कम करने का फैसला किया है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने इस देश में तेल उत्पादन करने वाली इकाइयों से अपना उत्पादन बढ़ाने को कहा है।
सऊदी अरब व अन्य तेल संपन्न देशों ने उत्पादन में कटौती की है। भारत उनसे लगातार उत्पादन बढ़ाने का आग्रह कर रहा है, लेकिन वे इस बारे में सहमत नहीं हैं। ऐसे में भारत ने अपनी तेल कंपनियों को सऊदी अरब से आयात पर निर्भरता कम करने और वैकल्पिक प्रबंध करने को कहा है।
भारत सरकार ने देश की सरकारी तेल कंपनियों से कहा है कि वे इस पश्चिम एशियाई देश से कच्चे तेल की खरीद के समझौते की समीक्षा करके अपने अनुकूल शर्तों के लिए वार्ता करें। सरकार ने कहा है कि देश की तेल कंपनियां, पश्चिम एशिया के तेल उत्पादक देशों के अलावा दूसरे देशों से कच्चे तेल की खरीदी के प्रयास करें। भारत ने यह रणनीति कच्चे तेल के उत्पादकों के गठजोड़ को तोड़ने तथा कीमतों और अनुबंधों की शर्तों को अनुकूल करने के लिए अपनाई है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन से कहा है कि वे पश्चिम एशिया के तेल उत्पादक देशों के अलावा दूसरे देशों से कच्चे तेल की खरीदी का प्रयास करें।
याद रहे कि विगत दिनों भारत के तेल और गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सऊदी अरब के तेल मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान अल सऊद के बयान पर आपत्ति जाहिर की थी। भारत ने जब सऊदी अरब से कच्चे तेल के दाम को कम करने की अपील की तो वहां के पेट्रोलियम मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान आले सऊद का कहना था कि भारत अपने उस स्ट्रैटेजिक तेल रिजर्व का इस्तेमाल करे जो उसने पिछले साल तेल की गिरती क़ीमतों के समय ख़रीद कर भण्डार कर रखा है।
सऊदी पेट्रोलियम मंत्री के इस बयान ने भारत को नाराज़ कर दिया। इस बयान की प्रतिक्रिया में भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि हमें पता है कि हम कब क्या करें।
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