कोविड प्रबंधन पर उवैसी ने उठाए सवाल, सरकार ने समय रहते वैक्सीन का ऑर्डर तक नहीं दिया था, कहाँ से लाएंगे ये 75 करोड़ टीके, बस झूठ पर झूठ बोला जा रहा है...
ऑल इंडिया मजिलसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन के प्रमुख असदुद्दीन उवैसी ने भारत में कोविड प्रबंधन को लेकर सरकार से सवाल किए हैं।
उन्होंने एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहा कि जो आदमी ज़मीन से उठ कर प्रधान मंत्री बना, उन्हीं मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में गंगा में लाशें तैर रही हैं। इससे बुरा और क्या हो सकता है।
हैदराबाद से सांसद उवैसी ने दावा किया कि सरकार ने दूसरी लहर के लिए कोई भी तैयारी नहीं की है। बस झूठ पर झूठ बोला जा रहा है। यह झूठ तब जब देश में लाशों का अंबार लगता जा रहा है। उन्होंने कोविड से होने वाली मौतों के सरकारी आंकड़े पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश भर में चार से पांच लाख लोग मरे हैं। यह बात तो कई अख़बारों ने लिखी हैं कि 2000 लाशें तो सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में ही निकली हैं।
असदुद्दीन उवैसी ने अपनी बात के तर्क में प्रधान मंत्री मोदी के संसद में दिए गए बयान का हवाला दिया जिसमें मोदी ने दावा किया था कि सरकार कोविड के ख़िलाफ़ जंग में कामयाब हो चुकी है। यह कैसी कामयाबी का दावा था। उसने तो समय रहते वैक्सीन का ऑर्डर तक नहीं दिया था। इसलिए आज देश में वैक्सीन मौजूद नहीं है। और तो और सच्चाई को नज़रअंदाज़ करते हुए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़ लगा कर यह तक ऐलान कर डाला कि इस साल दिसंबर तक 75 करोड़ डोज़ उपलब्ध होंगीं, लेकिन हम कैसे मान लें। कहाँ से लाएंगे ये 75 करोड़ टीके।
उवैसी ने कहा कि हालात चिंताजनक हैं। हमको गंभीरता से विचार करना होगा कि क्या किया जाए।
एंकर के इस सवाल पर कि सरकार सबको पॉज़िटिव रहने की अपील करती है, उवैसी ने कहा कि सरकार ही बता दे कि पॉज़िटिविटी कहाँ से लायी जाए। जिन लोगों ने अपने प्रियजन को खोया है, वे किस तरह अपने मन में सकारात्मकता ला पाएंगे। ऑक्सीजन मिलती नहीं, ब्लैक फ़ंगस की दवा उपलब्ध नहीं। लोग मर रहे हैं। सरकार ने हर चीज़ को मज़ाक़ बना दिया है।
असदुद्दीन उवैसी ने कहा कि प्रधान मंत्री हक़ीक़त से दूर रहते हैं। जिस गंगा के प्रदूषण को दूर करने के लिए प्लांट लगे हैं। जिस गंगा की धार को वे अविरल निर्मल बनाना चाह रहे हैं, वहीं उनके चुनाव क्षेत्र में उसकी धारा में लाशें तैर रही हैं। बनारस से लेकर बलिया और बक्सर तक। लेकिन कोई पुरसाने हाल नहीं।
ऑल इंडिया मजिलसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन के प्रमुख ने कहा कि सरकार बार-बार पैसे की उपलब्धता की बात करती है तो ग़रीबों के खाते में 10-10 हज़ार रुपए क्यों नहीं डाल देती। ग़रीब कोविड से नहीं मरेगा तो ग़रीबी से या फिर पुलिस की कार्रवाई से।(MAQ/N)
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