महाराज हम इंसानों से क्या कोई ग़लती हो गई है? योगी का गाय प्रेम, सामने आया नया फ़रमान, नदियों में बहते शवों के लिए भी महाराज ने दिए आदेश
(last modified Sat, 05 Jun 2021 05:44:08 GMT )
Jun ०५, २०२१ ११:१४ Asia/Kolkata
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवारा पशुओं की समस्या पर चिंता जताते हुए स्थानीय शहरी निकायों से कहा है कि वे आम लोगों को गायों को गोद लेने के लिए प्रेरित करें।

भारत के अंग्रेज़ी भाषी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान कहा कि राज्य सरकार ने आवारा मवेशियों की समस्या को कम करने के प्रयास किए हैं लेकिन इसे लेकर समाज को जागरूक करने की ज़रूरत है ताकि परिवार गायों को गोद ले सकें। योगी आदित्यानाथ ने शहरी निकायों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, गाय केवल भूसा ही नहीं खाएगी, गाय के लिए हरे चारे की भी व्यवस्था करनी पड़ेगी, गाय के लिए कुछ अच्छे चोकर की व्यवस्था करनी पड़ेगी तभी वह हष्ट-पुष्ट रहेगी, अन्यथा कमज़ोर होगी तो उसका भी पाप हमारे ऊपर लगेगा। उन्होंने स्थानीय निकायों को 300 से 500 रुपये के बीच की वार्षिक राशि निर्धारित करने को कहा ताकि कोई भी व्यक्ति अपने नाम पर गायों को गोद लेने के लिए भुगतान कर सकें।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उन्होंने कहा कि,  आपने देखा होगा तमाम लोग अंतिम संस्कार करने के बजाय मृत शरीर को नदी में प्रवाहित कर देते थे. ये अच्छी स्थिति नहीं है, कभी किसी ने परंपरा के रूप में अपनाया होगा, उसके कुछ नियम रहे होंगे लेकिन आज इतनी बड़ी आबादी हो चुकी है कि उन लोगों को समझाएं कि ऐसा नहीं करें।ग़ौरतलब रहे कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश में गंगा और इसकी सहायक नदियों में बड़ी संख्या में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के शव तैरते हुए मिले थे। इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में 2000 से अधिक शव आधे-अधूरे तरीके या जल्दबाजी में दफनाए गए या गंगा किनारे पर मिले हैं।

इस बीच कुछ टीकाकारों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ जब से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने है तब से ऐसा महसूस हो रहा है कि भारत के इस सबसे बड़े राज्य में किसी मुख्यमंत्री नहीं बल्कि किसी पुजारी का चयन हुआ है। इसका कारण बताते हुए टिकाकारों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता की सेवा करने के बजाए अपना ज़्यादातर समय मंदिर के निर्माण, उनमें पूजा-पाठ और बाक़ी बचे समय में गयों की सेवा में बिता देते हैं। योगी जी का सारा ध्यान गयों के रख रखाव उनके चारे और उनकी सुरक्षा पर रहता है। इस बीच प्रदेश में बढ़ते अपराध, बढ़ती बेरोज़गारी, जरजर होते अस्पताल और स्कूल और नदियों में बहती इंसानियत पर ध्यान देने के लिए उनके पास समय ही नहीं बचता है। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर भी लोग आए दिन योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए लिखते रहते हैं कि हूज़ूर हम इंसानों से क्या ग़लती हो गई है जो आप हमे भूल गए हैं।  (RZ)

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