ट्रम्प की ईरान विरोधी नीति पर चलना खुली मूर्खताः क्रिस मर्फ़ी
(last modified Fri, 11 Feb 2022 07:51:57 GMT )
Feb ११, २०२२ १३:२१ Asia/Kolkata
  • ट्रम्प की ईरान विरोधी नीति पर चलना खुली मूर्खताः क्रिस मर्फ़ी

अमरीकी सीेनेटर क्रिस मर्फी ने कहा है कि ईरान के विरुद्ध ट्रम्प सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाना मूर्खता के अतिरिक्त कुछ और नहीं है।

कनेक्टिकट राज्य के प्रतिनिधि और अमरीकी सीनेट में विदेशी मामलों की समिति के सदस्य क्रिस मर्फी ने लिखा है कि ईरान में मामले में ट्रम्प की पराजय के कारण बाइडेन के पास समझौते के अतिरिक्त कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

क्रिस मर्फी वियना में जारी वार्ता का उल्लेख करते हुए लिखते हैं कि बाइडन सरकार का यह प्रयास था कि वह ईरान को वार्ता की मेज़ तक ले आए किंतु अमरीका द्वारा एकपक्षीय रूप से समझौते से निकल जाने के कारण ईरान ने इस बारे में कोई रुचि नहीं दिखाई।

अपने लेख में इस अमरीकी सीनेटर ने लिखा है कि अपने सलाहकारों का विरोध करते हुए ट्रम्प ने अमरीका को एकपक्षीय रूप में परमाणु समझौते से निकाला था जबकि ईरान अपने वचनों पर बाक़ी था।ट्रम्प का यह मानना था कि अत्यधिक दबाव की नीति के परिणाम स्वरूप ईरान, वार्ता की मेज़ पर आने के लिए मजबूर होगा और जब वह वार्ता के लिए आएगा तो हम उसके साथ एक नया समझौता करेंगे।  हालांकि ट्रम्प को अपने प्रयास में सफलता नहीं मिली और उसकी अधिक दबाव की नीति भी विफल सिद्ध हुई।

क्रिस मर्फी लिखते हैं कि अब ट्रम्प की नीति का अनुसरण वास्तव में मूर्खता है।  उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि बाइडेन के वार्ताकार पूरी होशियारी के साथ विशिष्टताएं दें ताकि ओबामा के परमाणु समझौते के नुस्ख़े को फिर से शुरू किया जाए।

ज्ञात रहे कि बाइडेन प्रशासन इस बात को कई बार सार्वजनिक रूप में स्वीकार कर चुका है कि ईरान के विरुद्ध अधिकतम दबाव की ट्रम्प की नीति पूरी तरह से विफल रही है लेकिन इसी के साथ उसने अमरीका को परमाणु समझौते में पुनः वापस लाने के लिए अबतक आवश्यक क़दम नहीं उठाए हैं।

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