Dec २०, २०२२ १५:५७ Asia/Kolkata

इस्लामी गणतंत्र ईरान के फ़ार्स प्रांत के केन्द्रीय स्थान शीराज़ में स्थित इमामज़ादे शाह चिराग़ के पवित्र रौज़े में नमाज़ियों और श्रद्धालुओं पर होने वाले आतंकी हमले में शहीद और घायल होने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों ने सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की।

इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने इस कटु घटना को अमरीकी मुनाफ़िक़ों की बेइज़्ज़ती का कारण क़रार दिया और कहा कि इस घटना ने हम सबको बहुत दुखी किया लेकिन यह घटना ईरान के इतिहास में हमेशा बाक़ी रहने वाली है तथा इसने इस घटना में लिप्त दुष्टों यानी द्वेषी अमरीकी और दाइश को अस्तित्व प्रदान करने वालों की करतूतों को उजागरर कर दिया। इमामज़ादे शाह चिराग़ के पवित्र रौज़े में नमाज़ियों और श्रद्धालुओं पर होने वाले आतंकी हमले में कई श्रद्धालु शहीद और घायल हो गये थे।

26 अक्तूबर की शाम नमाज़ के समय हथियार से लैस एक आतंकी रौज़े के प्रांगड़ में दाख़िल हुआ और उसने वहां मौजूद लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरु कर दीं। बताया जाता है कि इस आतंकी हमले में 2 बच्चों सहित 13 श्रद्धालु शहीद और 30 अन्य श्रद्धालु घायल हुए थे। मारे गये और घायल श्रद्धालुओं में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।  मारे गये लोगों में एक साल का एक बच्चा भी शामिल था।

हमलावर इमाम ख़ुमैनी नामक प्रांगड़ में दाख़िल हुआ और उसने रौज़े के अंदर आकर श्रद्धालुओं पर फ़ायरिंग शुरु कर दी। सीसीटीवी कैमरे में देखा जा सकता है कि किस तरह दाइश का आतंकी रौज़े में दाख़िल होता है और फिर श्रद्धालुओं पर अंधाधुंध फ़ायरिंग करता है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इमामे जमाअत ने जैसे ही नीयत बांधी वैसे ही वहां पर खड़े सेवक को गोली लगी और वह चिल्ला कर ज़मीन पर गिर पड़ा, तभी वहां खड़े दूसरे सेवक ने समझदारी का प्रदर्शन करते हुए मुख्य द्वार बंद कर दिया जबकि बड़ी संख्या में लोग एक साथ नमाज़ पढ़ने में व्यस्त थे और ईश्वर की कृपा से यह लोग सुरक्षित रहे। जब हमलावर ने देखा कि मुख्य दरवाज़ा बंद हो गया है तो वह ज़रीह की ओर दौड़ा और उसने रास्ते में खड़ी एक महिला को उसके पांच वर्षीय बच्चे के सामने गोली मार दी और फिर बच्चे को भी नहीं छोड़ा। वहां पर मौजूद लोगों ने जब गोलियों की आवाज़ सुनी तो वह ज़रीह की ओर भागे ताकि वहां शरण ले लेकिन हमलावर वहां पहुंच चुका था और उसने वहां मौजूद लोगों पर गोलियां बरसानी शुरु कर दीं। लोग एक दूसरे पर गिर गये और पूरी तरह से ख़ून में नहा चुके थे। तभी अचानक एक सेवक ने पीछे से आतंकी हमलावर हमला किया और उसे दबोच लिया।

इस घटना के बाद ही ईरान के अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा था कि हमलावरों और उनके सहयोगियों को बख़शा नहीं जाएगा जबकि बुधवार को होने वाली इस घटना के बाद जो शुक्रवार आया उस दिन ईरान के अनेक शहरों में नमाज़े जुमा के बाद जनता ने सड़कों पर निकलकर हमलावरों और दोषियों को कठोर से कठोर सज़ाएं देने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने इस आतंकवादी हमले में शहीद और घायल होने वालों के परिजनों के साथ संवेदना प्रकट की और अपराधियों को अदालत के कटहरे में लाने की मांग की। तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश ने एक बयान जारी करके इस आतंकवादी हमले की ज़िम्मदारी स्वीकार की थी। (AK)

 

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