Jun २८, २०२४ १८:०१ Asia/Kolkata
  • अपारथाइड इस्राईल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिमनल कोर्ट की जासूसी को ख़त्म करने की ज़रूरत/फ़िलिस्तीन की चुनिंदा घटनाएं
    अपारथाइड इस्राईल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिमनल कोर्ट की जासूसी को ख़त्म करने की ज़रूरत/फ़िलिस्तीन की चुनिंदा घटनाएं

पार्सटुडे - फ़िलिस्तीनी बच्चों की दयनीय स्थिति के बारे में यूनिसेफ़ की चेतावनी, बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने वालों की ब्लैक लिस्ट में इस्राईल को आधिकारिक रूप से शामिल किया जाना, ग़ज़ा पर इस्राईल के हवाई और तोपखाऩों के हमले, मानवाधिकारों के बारे में पश्चिम के दोहरे मानकों पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की आलोचना और ज़ायोनी शासन द्वारा इन्टरनेश्नल क्रिमनल कोर्ट की जासूसी, पिछले कुछ घंटों में फ़िलिस्तीन से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में हैं।

इस्राईल को आधिकारिक तौर पर बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने वालों की ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव "एंटोनियो गुटेरेस" ने "सशस्त्र संघर्ष में बच्चे" नामक अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आधिकारिक तौर पर इस्राईल को दुनिया में बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने वालों की ब्लैक लिस्ट में शामिल किया।

पार्सटुडे के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने बच्चों के ख़िलाफ किए गए गंभीर उल्लंघनों का मूल्यांकन करके, बच्चों को मारने, अपंग करने और स्कूलों व अस्पतालों पर हमला करने के लिए इस्राईली सशस्त्र और सुरक्षा बलों को बाल अधिकारों के उल्लंघनकर्ताओं की सूची में शामिल कर लिया है।

7  अक्टूबर 2023 से ग़ज़ापट्टी पर इस्राईली हमलों के ताज़ा दौर में कम से कम 15000 फ़िलिस्तीनी बच्चे शहीद हो गए हैं।

यूनिसेफ: भीषण भूख की वजह से ग़ज़ा के बच्चों को तत्काल युद्धविराम की ज़रूरत है

यूनिसेफ ने एक वीडियो जारी कर एलान किया है कि ग़ज़ा के बच्चे "विनाशकारी भूख" का सामना कर रहे हैं और उन्हें तत्काल युद्धविराम की ज़रूरत है।

यूनिसेफ के अनुसार, भोजन, पानी और चिकित्सा सेवाओं की कमी की वजह से गज़ा के बच्चों की निराशाजनक स्थिति और भी बदतर हो गयी है।

उत्तरी ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के हवाई हमले में आठ फ़िलिस्तीनी शहीद

समाचार सूत्रों ने बुधवार रात को बताया कि उत्तरी ग़ज़ा में इस्राईली हवाई हमले में आठ फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए।

जेनिन अस्पताल के परिसर पर इस्राईली सेना का हमला

इस्राईली सैनिकों ने जेनिन कैंप के अस्पताल पर हमला करके एक फ़िलिस्तीनी युवक को घायल कर दिया।

रफ़ह में कई घर पूरी तरह से तबाह

इस्राईली सेना ने रफ़ह शहर के पश्चिम में बमबारी करके कई घरों को पूरी तरह से तबाह कर दिया।

नुसैरात कैंप पर इस्राईली तोपख़ानों के हमले

ज़ायोनी सेना के तोपख़ानों ने ग़ज़ा पट्टी के केंद्र में स्थित नुसैरात कैंप के उत्तर में कई जगहों को निशाना बनाया।

एमनेस्टी इंटरनेशनल: शांति के लिए इस्राईल के नस्लभेदी शासन को ख़त्म करना आवश्यक है

एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव एग्नेस कॉलमार्ड (Agnès Callamard) ने बुधवार को बताया कि पश्चिम और अमेरिका, मानवाधिकारों के बारे में दोहरे मानदंड रखते हैं और ग़ज़ा के लोगों के ख़िलाफ़ इस्राईल के अपराधों में भागीदार हैं। उनका कहना था कि स्थायी शांति के लिए इस्राईल के नस्लभेदी शासन को ख़त्म करना ज़रूरी है।

कॉलमार्ड का कहना था कि ग़ज़ा में इस्राईल के अपराधों के ख़िलाफ़ दुनिया में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। उनका कहना था कि ग़ज़ा में युद्ध से न केवल मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है बल्कि दुनिया के कई देशों में लोकतंत्र को भी नुक़सान पहुंचा है जहां इन देशों की सरकारें, फ़िलिस्तीनियों की स्वतंत्रता और अधिकारों के समर्थन में लोगों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबा देती हैं।

वेस्ट बैंक में हमलावरों के ख़िलाफ़ प्रतिरोध तेज़ करने की हमास की अपील

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन "हमास" ने जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट और बैतुल मुक़द्दस में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ ज़ायोनियों के व्यवस्थित अपराधों की निंदा की और ग़ज़ा की जनता के जनसंहार के साथ ही इस्राईल के ख़िलाफ़ प्रतिरोध तेज़ करने की अपील की है।

हमास ने एक बयान जारी कर वेस्ट बैंक के विभिन्न इलाकों पर ज़ायोनी ताकतों द्वारा किए गए बर्बर हमलों और बैतुल मुक़द्दस पर क़ब्ज़ा करने और इन क्षेत्रों में फ़िलिस्तीनियों के घरों को तबाह करने की निंदा करते हुए एलान किया कि ये अपराध फ़िलिस्तीनी राष्ट्र और उसकी भूमि के विरुद्ध फासीवादी ज़ायोनी शासन के बर्बर युद्ध का ही क्रम है।

इन्टरनेश्नल क्रिमनल कोर्ट की इस्राईल द्वारा जासूसी/ नीदरलैंड ने इस्राईली राजदूत को तलब किया

इस्राईल द्वारा हेग के अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की जासूसी के बारे में समाचार प्रकाशित होने के बाद, नीदरलैंड के विदेश मंत्रालय ने ज़ायोनी शासन के राजदूत को तलब कर आपत्ति जताई है।

नीदरलैंड में ज़ायोनी राजदूत मोदी एफ़्रैम को इस देश के विदेश मंत्रालय में यह बताने के लिए तलब किया गया कि कैसे इस्राईली जासूसी एजेंसियों ने 9 साल तक अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अभियोजक के कार्यालय में घुसपैठ करने और उसे कमजोर करने की कोशिश की है।

 

अक्टूबर 2023 से पश्चिमी देशों के पूर्ण समर्थन से इस्राईल ने फ़िलिस्तीन के असहाय और उत्पीड़ित लोगों के ख़िलाफ़ ग़ज़ा पट्टी और जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट में एक व्यापक नरसंहार शुरू कर रखा है।

 

ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में अब तक 37718 हज़ार फ़िलिस्तीनी शहीद जबकि 86377 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल भी हुए हैं।

 

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी योजना के तहत ज़ायोनी सरकार का बुनियादी ढांचा वर्ष 1917 में तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों से यहूदियों व ज़ायोनियों को फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में लाकर बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार के अवैध व ग़ैर क़ानूनी अस्तित्व की घोषणा कर दी गयी और तब से लेकर आज तक फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा जारी है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान, इस्राईल के साम्राज्यवादी शासन के पतन और यहूदियों की उनके मूल देशों में वापसी के गंभीर समर्थकों में है।

 

कीवर्ड्ज़: ग़ज़ा युद्ध, इस्राईली अपराध, बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने वालों की ब्लैक लिस्ट, यूनिसेफ़, ग़ज़ा में बच्चों की स्थिति, एमनेस्टी इंटरनेशनल (AK)

 

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