आईएईए एक बार फिर ईरान पर दबाव का हथकंडा बन गयी
(last modified Tue, 21 Feb 2023 09:54:23 GMT )
Feb २१, २०२३ १५:२४ Asia/Kolkata

ईरान के ख़िलाफ राजनीतिक दबाव जारी रखते हुए पश्चिमी देशों ने एक बार फिर ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के बारे में निराधार दावा किया और इस बार उन्होंने दावा किया कि ईरान में 84 प्रतिशत संवर्द्धित यूरेनियम की पहचान की गई है।

अमरीकी समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के निरीक्षकों ने पिछले सप्ताह ईरान में 84 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम का पता लगाया।

इस ख़बर के जवाब में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने घोषणा की कि एजेंसी ईरान में यूरेनियम संवर्धन के स्तर के बारे में मीडिया रिपोर्टों से अवगत है और एजेंसी के महानिदेशक "राफेल ग्रॉसी" ईरान के साथ एजेन्सी के सत्यापन के परिणाम के बारे में बात कर रहे हैं और फिर उसके बाद यह एजेंसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को सूचित करेगी।

ईरान ने हमेशा अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को यूरेनियम संवर्धन के स्तर के बारे में सूचित किया है और नवीनतम मामले में, यूरोपीय और अमरीकी अधिकारियों के बुरे विश्वास और पश्चिमी देशों द्वारा जेसीपीओए के उल्लंघनों और इस पर अमल में टाल मटोल के बाद। ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को आधिकारिक रूप से सूचित कर दिया था कि देश के परमाणु प्रतिष्ठानों में 60 प्रतिशत शुद्ध यूरेनियम के संवर्धन के लिए सेंट्रीफ्यूजों कॉन्फ़िगर कर दिया गया है।

ईरान में अब भी 60 प्रतिशत से अधिक यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया नहीं है। हक़ीक़त यह है कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने बारम्बार पश्चिमी पक्षों और ज़ायोनी अधिकारियों के दबाव में ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के बारे में अनेक दावे किए हैं लेकिन यह दावे ईरान और एजेंसी के बीच सहयोग के रिकॉर्ड के अनुरूप नहीं हैं, क्यों कि ईरान ने हमेशा अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ सकारात्मक बातचीत की है और साथ ही इस बात पर ज़ोर दिया है कि यह सहयोग राजनीतिक दबावों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।

ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के ख़िलाफ नए दावे से पता चलता है कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी एक बार फिर पश्चिमी मीडिया को तकनीकी और गोपनीय जानकारी प्रदान करके ईरान के ख़िलाफ़ एक दबाव के साधन में परिवर्तित हो चुकी है जो इस संस्था की प्रतिष्ठा और स्थिति को कम करने के अलावा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में ईरान और एजेंसी के बीच सहयोग पर नकारात्मक प्रभाव का कारण बन सकता है।

ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के प्रवक्ता ने भी ब्लूमबर्ग समाचार एजेंसी में प्रकाशित सामग्री को काला और तथ्यों को विकृत करने वाला क़रार दिया है और बल दिया है कि दुर्भाग्य से, एजेंसी अहंकारी देशों और ज़ायोनी शासन के दबाव का एक उपकरण बन गई है जबकि एजेन्सी का कर्तव्य सदस्य देशों को अपनी पेशेवर स्थिति का ख्याल रखना है और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस अंतरराष्ट्रीय संस्था को दुरुपयोग होने से बचाना है। (AK)

 

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