बसंत के आरंभ में ईरान और भारत के आपसी सहयोग को बढ़ाता चाबहार, ईरानी राजदूत के बयान से उम्मीदें बढ़ीं!
भारत में इस्लामी गणराज्य ईरान के राजदूत ने तेहरान और नई दिल्ली के बीच सहयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग की प्रक्रिया बढ़ेगी।
भारत के लिए ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत स्थित चाबहार बंदरगाह, अफ़ग़ानिस्तान और पड़ोसी देशों तक समुद्री पहुंच के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है, इस बंदरगाह को इस क्षेत्र के लिए एक मूल्यवान वाणिज्यिक पारगमन केंद्र के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। चाबहार बंदरगाह, क्षेत्र के लैंडलॉक देशों के लिए भारत और विश्व बाज़ार तक पहुंचने का एक अधिक किफ़ायती और टिकाऊ तरीक़ा है। सन 2016 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा और इस यात्रा के दौरान चाबहार बंदरगाह के विकास के उद्देश्य से ईरान, भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच होने वाले समझौते बहुत ही अहम है। ईरान और भारत के बीच सहयोग से चाबहार बंदरगाह का होता विकास क्षेत्रीय देशों के लिए तरक़्क़ी का बड़ा रास्ता खुल गया है।
भारत में तैनात इस्लामी गणराज्य ईरान के राजदूत ईरज इलाही ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि चाबहार बंदरगाह में भारत और ईरान के बीच सहयोग की धुरी बंदरगाह संरचना, ईरानी रेलवे लाइनों के मुख्य नेटवर्क से जुड़ाव और चाबहार बंदरगाह के माध्यम से माल भेजने के तीन सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इन 3 सिद्धांतों के अनुसार भारत के साथ आपसी सहयोग के स्तर को निर्धारित किया जा सकता है। ईरज इलाही ने बताया कि तेहरान चाबहार बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए आत्मनिर्भर है और उसे अन्य देशों की मदद की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत कई बंदरगाहों वाला एक समुद्री देश है और आमतौर पर अपने माल के परिवहन के लिए समुद्र के रास्ते काम करता है, इसी वजह से ईरान ने भारत से चाबहार बंदरगाह के माध्यम से कार्गो भेजकर इस क्षेत्र में ईरान के अनुभव में वृद्धि करने का अनुरोध किया। (RZ)
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए