आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामनेई ने इस्राईल को लेकर अमेरिका की बेचैनी का बताया कारण, असीमित धैर्य और ईश्वर पर भरोसे की एक झलक है ग़ज़्ज़ा
ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ग़ज़्ज़ा की मज़लूम, धैर्यवान और मज़बूत इरादों वाली जनता और आतंकी अवैध शासन इस्राईल द्वारा किए जा रहे अत्याचारों की ओर इशारा करते हुए कहा है कि घायल होकर ज़मीन पर ढेर हो चुका अवैध शासन, फ़िलिस्तीनी जियालों के घातक वार का बदला ग़ज़्ज़ा की जनता से ले रहा है।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने कहा है कि इस बाते में किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए कि ज़ायोनियों के जुर्म को दुनिया के दुष्ट लोगों की तरफ़ से भरपूर समर्थन और उसके जघन्य अपराधों में अमरीका की निश्चित तौर पर भागीदारी है, लेकिन उसके बावजूद, अंत में ज़ायोनियों को कुछ हासिल नहीं होगा, इस मामले में भी और आगे के मामलों में भी फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की विजयी निश्चित है। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ग़ज़्ज़ा में घटने वाली घटनाओं को भविष्य तय करने वाले घटनाएं बताई और ग़ज़्ज़ा की जनता के उत्पीड़न साथ साथ उनकी बेमिसाल ताक़त की ओर इशारा करते हुए कहा कि ख़ूंख़ार व ज़ालिम दुश्मन बच्चों, महिलाओं, पुरुषों, बूढ़ों और युवाओं में कोई अंतर करने को तैयार नहीं है, ग़ज़्ज़ा वासी सही मानो में बहुत मज़लूम हैं। सर्वोच्च नेता ने कहा कि जो बाप अपने बच्चे की शहादत के बाद भी अल्लाह का शुक्र अदा करे, जो मां बाप अपने शहीद बच्चे को फ़िलिस्तीन को समर्पित करें, वह युवा जो घायल हालत में पवित्र क़ुरआन की तिलावत करे यह सब ग़ज़्ज़ा की जनता के असीमित धैर्य और इश्वर पर भरोसे की एक झलक पेश करते हैं। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई एक बार फिर यह बात दोहराई कि 7 अक्तूबर को अवैध शासन पर पड़ने वाला वार निर्णायक था। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे समय बीत रहा है यह सच्चाई ज़्यादा से ज़्यादा जगज़ाहिर होती जा रही है कि इस वार से ऐसा नुक़सान हुआ है कि जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है।
सर्वोच्च नेता ने अमरीका और दूसरे ज़ालिम व दुष्ट देशों, जैसे ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी के राष्ट्राध्यक्षों के अवैध अतिग्रहित फ़िलिस्तीन की यात्रा को अवैध शासन के विनाश की प्रक्रिया को रोकने की नाकाम कोशिश बताया और कहा कि दुनिया के दुष्ट यह दृश्य देख रहे हैं कि फ़िलिस्तीनी जियालों की एक जवाबी कार्यवाही के नतीजे में ज़ायोनी शासन बिखरने व मिट जाने की हालत में पहुंच गया है, इसीलिए इन दौरों, सहानुभूति, जुर्म का सिलसिला जारी रखने वाले संसाधनों जैसे बमों और दूसरे तरह हथियारों की सप्लाई के ज़रिए वह कोशिश में हैं कि ज़ख़्म खाकर ढेर हो जाने वाले शासन को किसी तरह पैरों पर खड़ा रख सकें। सर्वोच्च नेता ने इस बिन्दु का भी उल्लेख किया कि अवैध शासन का फ़िलिस्तीनी जियालों पर बस नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीनी जियालों ने ऑप्रेशनल क्षमता, तैयारी, जज़्बा और हौसला बरक़रार रखा है और इंशाअल्लाह आगे भी यही स्थिति जारी रहेगी और अवैध शासन उनका मुक़ाबला न कर पाने की वजह से ग़ज़्ज़ा की निहत्थी जनता से बदला ले रहा है। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा कि जो भी ग़ज़्ज़ा के बारे में बात करे वह ग़ज़्ज़ा की जनता के धैर्य व दृढ़ता का ज़िक्र ज़रूर करे वरना यह मज़लूम गज़्ज़ा वासियों के हक़ में नाइंसाफ़ी होगी। उन्होंने आगे कहा कि अमरीका, मुजरिम ज़ायोनियों के अपराध में बराबर का