Dec १४, २०२३ १५:०४ Asia/Kolkata

इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्री ने जिनेवा में विश्व शरणार्थी मंच की बैठक में कहा कि हमें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र संघ और इस संस्था के शरणार्थी उच्चायुक्त, शरणार्थियों और विशेष रूप से ईरान में रह रहे 5 मिलियन अफ़ग़ान नागरिकों के प्रति अपने कर्तव्यों पर ध्यान देंगे।

जिनेवा में विश्व शरणार्थी सभा की बैठक में बुधवार को  विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि हमारे क्षेत्र के बाहर की शक्तियों द्वारा कई सैन्य हस्तक्षेपों ने अस्थिरता और असुरक्षा को इस तरह से जन्म दिया है कि इसने पूरे क्षेत्र में विस्थापन की लहर पैदा कर दी है। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में ईरान के आसपास, अमेरिका और उसके सहयोगियों की ग़ैर-ज़िम्मेदाराना नीतियों और सैन्य हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप ईरान को भारी बोझ उठाना पड़ा है।

विश्व शरणार्थी मंच की दूसरी बैठक, सदस्य देशों की भागीदारी से बुधवार से शुक्रवार 15 दिसम्बर तक आयोजित की जाएगी जिसकी मेजबानी स्विस सरकार और शरणार्थी उच्चायुक्त कर रहे हैं।  

2018  में कई वर्षों की बातचीत के बाद, शरणार्थियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मसौदा तैयार किया गया और संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा एक प्रस्ताव पास किया गया।

इस दस्तावेज़ के आधार पर हर 4 साल में एक बार इस स्तर पर बैठक आयोजित करने और शरणार्थियों के मुद्दों पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया।

दूसरे देशों के सैन्य हस्तक्षेप, आंतरिक संघर्ष, प्राकृतिक आपदाएं और आर्थिक और मानवाधिकार के मुद्दे, ज़बरदस्ती के प्रवासन के प्रभावी कारकों में हैं और इसी आधार पर पश्चिम एशियाई क्षेत्र को उन क्षेत्रों में माना जाता है जहां से बड़ी संख्या में शरण चाहने वाले होते हैं।

हालांकि चार दशकों से अधिक समय से इस्लामी गणतंत्र ईरान बड़ी संख्या में पड़ोसी देश, अर्थात अफ़ग़ानिस्तान के नागरिकों की मेजबानी कर रहा है जो अपने देश में अशांति और अतिग्रहण की वजह से बड़ी संख्या में अपना देश और घर बार छोड़कर ईरान में शरण ले रहे हैं।

यूनिसेफ की घोषणा के अनुसार लगभग 2 साल पहले ईरान में दो से तीन मिलियन अफ़ग़ान शरणार्थी थे लेकिन 2021 के घटनाक्रम और तालेबान के सत्ता हासिल करने के बाद 5 लाख से डेढ़ मिलियन के बीच नए शरणार्थियों ने ईरान में शरण ली है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के गृहमंत्री अहमद वहीदी ने लगभग 6 महीने पहले कहा था कि ईरान में अफगान अप्रवासियों की संख्या, एक अनुमान के अनुसार 50 लाख से अधिक है।

यह स्पष्ट है कि अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देश और इस देश के साथ लंबी सीमा होने के नाते ईरान, अफ़ग़ानिस्तान के विकास पर विशेष ध्यान देता है और कुछ क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के विपरीत, इस इस्लामी देश में शांति और स्थिरता को अपनी शांति और स्थिरता के समान समझता है। अफ़ग़ान पलायनकर्ता भी ईरानी जनता के सथ अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक समानता रखते हैं और यही कारण है कि ईरान में उन सभी प्रकार की सुविधाओं और सेवाओं से लाभ उठाते हैं जो एक ईरानी नागरिक उठाता है। (AK)

 

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