Jan ०३, २०२४ १४:४० Asia/Kolkata
  • सुप्रीम लीडर ने साफ़्ट पॉवर और हार्ड पॉवर के बारे में बताई अहम बात+ फ़ोटोज़

शायरों और कवियों के एक ग्रुप ने इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की।

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शुभ जन्म दिवस और मदर डे के उपलक्ष्य में बुधवार को शायरों और कवियों के एक ग्रुप ने सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुलाक़ात की।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कवियों और शायरों से मुलाक़ात में कवियों और शायरों की भारी ज़िम्मेदारी पर बल दिया और कहा कि आज शायरों और कवियों के कंधों पर वास्तविकताओं को स्पष्ट करने की भारी ज़िम्मेदारी है।

सुप्रीम लीडर का कहना था कि आप कितने सौभाग्यशाली है कि उस विषय को आगे बढ़ा रहे हैं जिसे हज़रत फ़ातेमा ने शुरु किया।

सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत की बरसी की ओर इशारा किया और प्रार्थना की कि ईश्वर उस तरह से शहीद सुलैमानी पर कृपा और अनुकंपा कर जिस तरह से तूने पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों को अपनी कृपा और अनुकंपा का पात्र बनाया है।

सुप्रीम लीडर ने पिछले 45 वर्षों में ईरान की मुख्य रणनीति साफ़्ट शक्ति पर भरोसा क़रार दिया और दुश्मनों की क्षमताओं से मुक़ाबले के लए प्रभारी और देश की आवश्यकता के अनुसार आधुनिक हथियारों से संपन्न होने पर बल दिया और कहा कि साफ़्ट पावर को और अधिक विस्तृत होना चाहिए।

वरिष्ठ नेता का कहना था कि अमरीका जैसी विश्व शक्ति के पास मिसाल के तौर पर परमाणु बम है, अनेक तरह के आधुनिक और विकसित हथियार हैं लेकिन साथ ही वह कला, सिनेमा, हालिवुड और प्रचार के लिए बड़ा पूंजीनिवेश करता है।

सुप्रीम लीडर का कहना है कि चूंकि सिनेमा साफ़्ट पावर है, फ़िल्मों की स्क्रिप्ट लिखना साफ़्ट पावर है जो लोगों को प्रभावित करता है, हार्ड पावर की ताक़त क्षणिक होती है, थोड़ी देर के बाद ख़त्म हो जाती है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता का कहना है कि हार्ड पावर यानी यह कि अमरीका 20 साल तक अफ़ग़ानिस्तान में रहता है, अरबों ख़र्च करता है और आख़िरकार लोगों की घृणा का शिकार होकर अफ़ग़ानिस्तान से फ़रार होने पर मजबूर हो जाता है, यह हार्ड पावर है।

सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई का कहना था कि हार्ड पावर का मतलब यह है कि अमरीका ने पूरी ताक़त और हथियारों से इराक़ पर नियंत्रण कर लिया, इराक़ी सरकार को गिरा दिया, ख़ुद ही सत्ता पर बैठ गया और लगभग 20 साल बाद आज इराक़ में सबसे ज़्यादा अमरीकी सरकार से नफ़रत की जाती है।

उनका कहना था कि आज ग़ज़्ज़ा की जनता केवल ज़ायोनी शासन के मुक़ाबले में नहीं बल्कि अमरीका और दुनिया की साम्राज्यवादी तथा शैतानी व काफ़िर ताक़तों के सामने डटी हुई है और अमरीकी राष्ट्रपति स्पष्ट शब्दों में कहता है कि मैं ज़ायोनी हूं, यानी ज़ायोनी की सारी बुराईयां और बुरे लक्ष्य उसमें भी पाए जाते हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने देश के आगामी चुनावों की ओर इशारा किया और कहा कि चुनावों में हिस्सा लेना सभी की ज़िम्मेदारी है और चुनावों के प्रति कर्तव्य की भावना पैदा करना, मैदाने जंग के मुजाहेदीन की एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। 

20 जमादिउस्सानी सन 1445 हिजरी क़मरी को पैग़म्बरे इस्लाम की पुत्री और हज़रत अली अलैहिस्सलाम की पत्नी हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा का शुभ जन्म दिवस है। (AK)

 

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