May ०६, २०२४ १९:३० Asia/Kolkata
  • हज के मौक़े पर फ़िलिस्तीनी जनता के हत्यारों से खुलकर दुश्मनी का एलान करने की आवश्यकता
    हज के मौक़े पर फ़िलिस्तीनी जनता के हत्यारों से खुलकर दुश्मनी का एलान करने की आवश्यकता

पार्स टुडे- इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली खामेनेई ने देश के हज अधिकारियों, ज़िम्मेदारों और बैतुल्लाह की ज़ियारत पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के एक ग्रुप से मुलाक़ात में अल्लाह  की याद और मुसलमानों की एकता और संपर्क" को हज के दो बहुत महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सामाजिक तत्वों में बयान किया।

सुप्रीम लीडर ने ग़ज़ा की बड़ी घटना और रक्त पिपासु ज़ायोनी शासन के अपराधों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पवित्र क़ुरआन की आयतों की छत्रछाया और हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के नाम की याद में इस वर्ष का हज, हर साल से बढ़कर मुसलमानों के इस आपराधिक दुश्मन और उसके समर्थकों से बरी होने वाला हज हो।

इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने हज को भौतिक और आध्यात्मिक पहलुओं में एक बहुआयामी कर्तव्य के रूप में बयान किया और कहा:

आंतरिक और दाख़िली आयाम में, "जीवन और दृढ़ संकल्प और व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्रीय फ़ैसलो के सच्चे स्रोत" के रूप में ईश्वर की याद, हज के सभी चरणों और स्थितियों का मुख्य आकर्षण है।

इस संदर्भ में, उन्होंने ख़ानए काबा के तीर्थयात्रियों पर ज़ोर दिया:

हज के दौरान उन चीज़ों पर ध्यान दें जो कहीं और नहीं पाई जाती, जैसे ख़ानए काबा, मस्जिदुल हराम और पैग़म्बरे इस्लाम की परिक्रमा और तीर्थयात्रा की जगह, नहीं तो बाज़ार और सामान हर जगह ही मिलते हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने हज के सामाजिक आयाम के अहम बिंदुओं को मुसलमानों की एकता और एक दूसरे के साथ संबंधों के रूप में बयान किया और कहा:

सभी लोगों को एक ख़ास स्थान पर और ख़ास दिनों में हाज़िर रहने, मुसलमानों को एक-दूसरे से परिचित कराने और संयुक्त रूप से सोच विचार करने और फ़ैसला लेने के लिए ईश्वर का निमंत्रण इस लिए था ताकि हज का साक्षात और उद्देश्यपूर्ण परिणाम इस्लामी दुनिया को प्रदान किए जा सकें लेकिन आज इस्लामी जगत में संयुक्त निर्णय लेने के बारे में बहुत बड़ा शून्य है।

हज अधिकारियों, ज़िम्मेदारी और हाजियों की सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात के दौरान शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं की फ़ोटो

सुप्रीम लीडर ने राष्ट्रीय, धार्मिक और जातीय मतभेदों की अनदेखी को एकता के लिए आवश्यक प्रस्तावना क़रार दिया और कहा:

सभी धर्मों, सभी राष्ट्रों और इस्लामी संप्रदायों के अनुयायियों की विशाल और समान सभा, हज के सामाजिक-राजनीतिक पहलूओं का स्पष्ट नमूना है।

 इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा:

बेशक, मतभेदों और विभाजनकारी मुद्दों को दूर करने की आवश्यकता केवल हज तक ही सीमित नहीं है और क़ुरआन की कई आयतें मुसलमानों की एकता और एकजुटता पर ज़ोर देती हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता की हज अधिकारियों, ज़िम्मेदारों और हाज पर जाने वालों से मुलाक़ात

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बात की ओर इशारा करते हुए कि हज को हज़रत इब्राहीम के मुबारक नाम और उस महान पैग़म्बर की शिक्षाओं से मिलाकर देखा जाना चाहिए और ईश्वरीय धर्म के दुश्मनों से बेज़ारी को हज़रत इब्राहीम की अनमोल शिक्षाओं में क़रार दिया और कहा:

क्रांति की शुरुआत से ही, बेज़ारी हज में एक मौजूदा स्तंभ रहा है लेकिन इस साल ग़ज़ा में हुई बड़ी और अजीब घटनाओं के मद्देनज़र जिसने पश्चिमी सभ्यता से पैदा पिशाची चेहरे को पहले से कहीं अधिक उजागर कर दिया, इस साल का हज है विशेषरूप से बेज़ारी का हज है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने ग़ज़ा में वर्तमान घटनाओं को इतिहास के लिए एक स्थायी मापदंड क़रार दिया और कहा:

एक ओर वहशी ज़ायोनी कुत्तों के क्रूर हमले और दूसरी ओर ग़ज़ा की जनता का प्रतिरोध और मज़लूमियत, इतिहास में अमर रहेगा और मानवता को रास्ता दिखाएगा जिसका अद्भुत और अभूतपूर्व प्रतिबिंब गैर-मुस्लिम समाज में नज़र आता है तथा अमेरिका और कुछ अन्य देशों में विश्वविद्यालय, इसके एतिहासिक नमूने हैं।

हज के अवसर पर ग़ज़ा में त्रासदियों के संबंध में इस्लामी उम्मा के कर्तव्य को समझाते हुए उन्होंने हज़रत इब्राहीम की जीवनी से पवित्र क़ुरआन के कई उदाहरणों की ओर इशारा किया और कहा:

इब्राहीम अलैहिस्सलाम उन नबियों में से हैं जिनके पास उदार और दयालु हृदय है लेकिन यह ईश्वरीय दूत दृढ़ता से अपनी बेगुनाही की घोषणा करता है और क्रूर और अत्याचारी दुश्मनों से अपनी दुश्मनी और बेज़ारी का एलान करता है।

वरिष्ठ नेता ने पवित्र क़ुरआन की उन आयतों का जिक्र करते हुए कहा, जो दमनकारी दुश्मनों के साथ दोस्ती को पूरी तरह से प्रतिबंधित करती हैं, उन्होंने ज़ायोनी शासन को मुसलमानों के साथ दुश्मनी का एक आदर्श उदाहरण बताया और अमेरिका को इस शासन का सहयोगी बताया और कहा:

यदि अमेरिका की मदद न होती तो क्या ज़ायोनी शासन में मुस्लिम लोगों, महिलाओं और बच्चों के साथ क्रूर व्यवहार करने की ताकत और साहस होता?

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा:

मुसलमानों को मारने और उन्हें तथा उनके समर्थकों को विस्थापित करने वाले दोनों ही अत्याचारी हैं, और कुरआन के अनुसार, यदि कोई उनसे मित्रता करता है तो वह भी अत्याचारी है और ईश्वर के प्रकोप का सहभागी है।

इस्लामी जगत की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने हज के लिए हज़रत इब्राहीम के दृष्टिकोण, यानी दुश्मनों के मुक़ाबले में खुलकर बेज़ारी को पहले से कहीं अधिक आवश्यक बताया और कहा:

इसके आधार पर, ईरानी और गैर-ईरानी तीर्थयात्रियों को फिलिस्तीनी राष्ट्र के समर्थन में कुरान के तर्क को पूरे इस्लामी जगत तक पहुंचाने में सक्षम होना चाहिए।

इस्लामी क्रांति के सुप्रीम नेता ने कहा:

बेशक, इस्लामी गणतंत्र ईरान ने दूसरों का इंतजार नहीं किया और न ही करेगा, लेकिन अगर मुस्लिम राष्ट्रों और सरकारों के मज़बूत हाथ मदद और साथ देने के लिए आते हैं, तो फिलिस्तीनी राष्ट्र की दयनीय स्थिति जारी नहीं रहेगी।

अंत में, उन्होंने हज के आयोजन में ईरान के हज मिशन और संगठन और सेवा प्रदान करने वाले अन्य लोगों की सेवाओं और गतिविधियों का शुक्रिया अदा किया और बल दिया:

ईरानी हाजियों की सुविधाओं के लिए और हज को इस तरह से अंजाम देने की योजना बनाएं कि वर्तमान स्थिति और इच्छित स्थिति के बीच का अंतर ही ख़त्म हो जाए।


सुप्रीम लीडर के साथ मुलाक़ात में हज अधिकारियों और ज़िम्मेदारों की बैठक में ईरानी महिलाओं का एक ग्रुप

कीवर्ड: हज क्या है, फ़िलिस्तीन में इस्राईली अपराध, इमाम ख़ामेनेई कौन हैं, मुस्लिम एकता, ईरान और फ़िलिस्तीन, अमेरिका और इस्राईल (AK)

 

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