Jan १९, २०२४ १५:५६ Asia/Kolkata
  • ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने और दोस्ती को मज़बूत बनाने पर दोनों देशों के अधिकारियों ने दिया बल

ईरान और पाकिस्तान के बीच, दो दिन तक सीमा पर तनाव के बाद, दोनों देशों के अधिकारियों ने मैत्रिपूर्ण संबंधों को मज़बूत बनाने और एक दूसरे की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करते हुए आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में अधिक सहयोग पर बल दिया है।

गुरुवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ़ अलवी ने ईरान और पाकिस्तान द्वारा एक दूसरे की सीमा में आतंकवादियों के ठिकानों पर हालिया मिसाइल हमलों के संदर्भ में कहाः इस्लामाबाद के तेहरान के साथ ऐतिहासिक और अच्छे संबंध हैं, इसलिए दोनों पड़ोसी देश आतंकवाद के ख़तरे से निपटने और सीमा पर अशांति को रोकने के लिए कूटनीतिक मार्गों को अपनायेंगे।

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जीलानी के साथ टेलीफ़ोन पर बातचीत में पाकिस्तान की सुरक्षा, ईरान की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि जैश अल-अद्ल आतंकवादी गुट कि जिसे ईरान में जैश अल-ज़ुल्म के नाम से जाना जाता है, दोनों देशों की सुरक्षा के लिए ख़तरा है।

अमीर अब्दुल्लाहियान का कहना था कि इस आतंकवादी गुट ने पाकिस्तान की सीमा पर अपने ख़ुफ़िया ठिकाने बना रखे हैं और कई बार उसने ईरान की सुरक्षा को ख़तरे में डालने के लिए पाकिस्तानी की भूमिका का इस्तेमाल किया है। इस आतंकवादी गुट की गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिसकी वजह से ईरान ने बुधवार को उसके एक ठिकाने को निशाना बनाया।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री का भी कहना था कि इस्लामाबाद, तेहरान की सुरक्षा को अपनी सुरक्षा समझता है और जब भी पाकिस्तान की ज़मीन से किसी ने ईरान की सुरक्षा को ख़तरे में डालने का प्रयास किया है, पाकिस्तानी सरकार ने उसके ख़िलाफ़ तुरंत कार्यवाही की है। इसके बावजूद, दोनों देशों में सक्रिया, आतंकवादियों से मुक़ाबले में दोनों देशों के बीच अधिक समनव्य और सहयोग की ज़रूरत है।

बुधवार को आईआरजीसी ने पाकिस्तान की सीमा के निकट एक आतंकवादी ठिकाने पर मिसाइल हमला किया था, इससे ठीक दो हफ़्ते पहले किरमान में शहीद जनरल सुलेमानी की शहादत की बरसी पर एक बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें क़रीब 100 लोग शहीद हो गए थे।

इसके अलावा, 15 दिसम्बर को सीस्तान व बलूचिस्तान प्रांत के रास्क इलाक़े में सुरक्षा बलों पर आतंकवादियों ने बड़ा हमला किया था, जिसमें 9 सुरक्षा बल शहीद हो गए थे।

इन आतंकवादी हमलों के बाद, आईआरजीसी ने इराक़ के कुर्दिस्तान क्षेत्र, सीरिया और पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया था। इन मिसाइल हमलों से पहले ईरान ने कई बार आतंकवाद के समर्थकों को चेतावनी दी थी। इसके जवाब में गुरुवार को पाकिस्तान ने भी ईरानी सीमा में तथाकथित आतंकवादी गुट सरमचार के ठिकाने को निशाना बनाया था। हालांकि इसके बाद, दोनों देशों के अधिकारियों ने कूटनीति का सहारा लेते हुए तनाव को कम करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई है।

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