चुनावों मेंं मतदाता विश्व के सामने एक सशक्त ईरान की छवि पेश करेंगेः इमामे जुमा
तेहरान के इमामे जुमा ने लोगों का चुनाव में व्यापक भागीदारी का आह्वान किया है।
हाज अली अकबरी ने जुमे की नमाज़ के ख़ुत्बे में कहा कि चनुाव, वास्तव में आज़ादी और धार्मिक लोकतंत्र का प्रतीक हैं। इमामे जुमा का कहना था कि इस समय ईरान के सारे ही शत्रु, देश में आयोजित होने वाले चुनावों के विरोध में आ गए हैं।
हम आशा करते हैं कि अगले सप्ताह ईरान की जनता एक बार फिर चुनावों में भाग लेकर एक नया इतिहास रचेंगे। वे, विश्व के सामने एक सशक्त ईरान की छवि पेश करेंगे। ईरान में 1 मार्च 2024 को आम चुनाव होने जा रहे हैं। इस दिन मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करके नई संसद और विशेषज्ञ एसेंबली चुनेंगे।
अपने जुमे के ख़ुत्बे में हुज्जतुल इस्लाम हाज अली अकबर ने इस्लामी जगत के ज्वलंत मुद्दे अर्थात ग़ज़्ज़ा युद्ध के संदर्भ में कहा कि यह क्षेत्र पिछले 140 दिनों से विश्व वर्चस्ववाद की लगातार विफलताओं के प्रदर्शनस्थल में परिवर्तित हो चुका है। यहां पर अवैध ज़ायोनी शासन ने प्रतिरोध से बहुत चोट खाई है।
तेहरान के इमामे जुमा का कहना था कि इस समय ग़ज़्ज़ा में जो जनसंहार किया जा रहा है वह पश्चिम के उदारवादी लोकतंत्र का ही उत्पाद है। इसी के साथ यह कुछ तथाकथित इस्लामी देशों के आपराधिक मौन के भी कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों का प्रतिरोध न केवल इस्लाम के लिए सम्मान का कारण बना है बल्कि आम जागरूकता का ही कारण बना है।
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