Mar २१, २०२४ १९:४१ Asia/Kolkata
  • ग़ज़ा की हालिया घटनाओं ने पश्चिमी अत्याचारों और प्रतिरोध के मोर्चे की सच्चाई को साबित कर दिया
    ग़ज़ा की हालिया घटनाओं ने पश्चिमी अत्याचारों और प्रतिरोध के मोर्चे की सच्चाई को साबित कर दिया

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नए हिजरी शम्सी साल के पहले दिन बुधवार 20 मार्च की शाम को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में जनता के विभिन्न वर्गों के हज़ारों लोगों से मुलाक़ात की।

सुप्रीम लीडर ने ग़ज़ा की दलदल में ज़ायोनी शासन के फंसने और ज़ायोनियों के अपराधों के मुख्य भागीदार के रूप में अमरीका के दुनिया के राष्ट्रों की बढ़ती नफ़रत की ओर इशारा किया और कहा कि हालिया घटनाओं ने पश्चिम में सत्तासीन अत्याचारों और प्रतिरोध के मोर्चे की सच्चाई को सिद्ध कर कर दिया।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने यह बयान करते हुए कि प्रतिरोध के मोर्चे ने अमरीका के सारे समीकरणों को धराशायी कर दिया, कहा कि अत्याचार विरोधी इस जनमोर्चे ने अपनी वास्तविक क्षमता और शक्ति का प्रदर्शन किया और ईश्वर की इच्छा और उसकी ताक़त से ज़ायोनी शासन के बड़े अत्याचारी अस्तित्व को समाप्त करने का मार्ग जारी रखेगा।   

इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर के नेता ने कहा कि ग़ज़ा की घटनाओं और कथित सभ्य व मानवाधिकार की रक्षा की दावेदार दुनिया की नज़रों के सामने 30 हज़ार से ज़्याद बच्चों, औरतों, बूढ़ों और जवानों के क़त्ले आम ने पश्चिमी दुनिया पर छाए हुए अंधकार को स्पष्ट कर दिया है।

उन्होंने कहा कि अमरीका और योरोप वालों ने न सिर्फ़ यह कि क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन के जुर्म की रोकथाम नहीं की बल्कि आग़ाज़ के दिनों में ही मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन का दौरा करके अपने सपोर्ट का एलान किया और अपराध जारी रखने के लिए तरह तरह के हथियार और मदद भेजी।

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने पश्चिम एशिया में प्रतिरोध के मोर्चे के गठन की उपयोगिता उजागर होने को हालिया कुछ महीनों के दौरान की घटनाओं का नतीजा बताया और कहा कि इन घटनाओं ने दिखा दिया कि इस क्षेत्र में प्रतिरोध के मोर्चे की मौजूदगी, सबसे अहम मुद्दों में से एक है और जागरूक अंतरात्माओं से निकलने वाले तथा ज़ायोनी अपराधियों के 70 वर्षीय अत्याचार व अवैध क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ गठित होने वाले इस मोर्चे को दिन ब दिन अधिक मज़बूत बनाना चाहिए।

ईरान के विभिन्न वर्गों के हज़ारों लोगों से सुप्रीम लीडर की मुलाक़ात

सुप्रीम लीडर ने प्रतिरोध के मोर्चे की क्षमता के सामने आने को ग़ज़ा की मौजूदा जंग का एक और नतीजा बताया और कहा कि पश्चिम वालों को भी और क्षेत्र की सरकारों को भी प्रतिरोध के मोर्चे की ताक़त व क्षमताओं के बारे में कुछ पता नहीं था।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने प्रतिरोध के मोर्चे की ताक़त के ज़ाहिर होने को अमरीकियों के अंदाज़ों और क्षेत्रीय मुल्कों पर हावी होने की उनकी योजना के नाकाम होने का सबब बताया और कहा कि प्रतिरोध की ताक़त ने उनके अंदाज़ों को नाकाम कर दिया और ये दिखा दिया कि अमरीकी न सिर्फ़ इलाक़े पर हावी नहीं हो सकते बल्कि वो क्षेत्र में रुक भी नहीं सकते और इलाक़े से निकलने पर मजबूर हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सभी के लिए ज़ायोनी शासन की संकटमय स्थिति के ज़ाहिर हो जाने को ग़ज़ा की घटनाओं की एक और उपयोगिता बताया और कहा कि इन वाक़यों ने दिखा दिया कि ज़ायोनी सरकार न सिर्फ़ यह कि अपनी रक्षा करने में संकट का शिकार है बल्कि वो संकट से बाहर निकलने में भी संकट का शिकार है क्योंकि ग़ज़ा की जंग में दाख़िल होकर वो एक दलदल में फंस गयी है और वो चाहे ग़ज़ा से बाहर निकले या न निकले उसकी हार तय है।

सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के अधिकारियों के बीच गहरे मतभेद और टकराव इस शासन को पतन के क़रीब कर रहे हैं।

वरिष्ठ नेता ने ग़ज़ा के मामले में अमरीका के ग़लत स्टैंड और अंदाज़े को दुनिया में अमरीका से नफ़रत बढ़ने और क्षेत्र में उससे नफ़रत में दस गुना वृद्धि का कारण बताया और कहा कि यमन से इराक़ और सीरिया से लेबनान तक क्षेत्र में जहां भी प्रतिरोध के वीर मुजाहिद अमरीकियों के ख़िलाफ़ कोई भी कार्यवाही करते हैं, अमरीकी उसे ईरान से जोड़ देते हैं, जिससे पता चलता है कि अमरीकियों ने क्षेत्र के अवाम और उसके वीर व इरादों से भरपूर जवानों को नहीं पहचाना है और यही ग़लत अंदाज़ा निश्चित तौर पर अमरीकियों को धूल चटा देगा।

सुप्रीम लीडर

वरिष्ठ नेता ने इस बात पर बल देते हुए कि क्षेत्र में मौजूद ज़ुल्म के स्रोत अर्थात ज़ायोनी शासन के असित्व को ख़त्म कर दिया जाना चाहिए और हम हर उस शख़्स के समर्थक और मददगार हैं जो इस इस्लामी, इंसानी और अंतरात्मा के जेहाद में शामिल हो।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने इस मुलाक़ात में इस साल को "जनता की भागीदारी से पैदावार में छलांग" का नाम दिए जाने को एक अहम नारा बताया और कहा कि अधिकारियों की योजनाबंदी और कोशिश से, अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सक्रियता के लिए जनता लामबंद हो जाए तो पैदावार में छलांग के बहुत ही अहम नारे को व्यवहारिक बनाना संभव हो जाएगा।

उन्होंने ईरान की अर्थव्यवस्था के ताने बाने को बिखेरने और ईरानी क़ौम को घुटने टेकने पर मजबूर करने की अमरीका और उसके पिछलग्गुओं की मुसलसल कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अल्लाह की मदद से वो अब तक अपने इस मक़सद में नाकाम रहे हैं और इसके बाद भी अधिकारियों और जनता की कोशिश, प्रयास, इरादे और संकल्प से नाकाम ही रहेंगे।

सुप्रीम लीडर का कहना था कि दुश्मन देश की क्षमताओं, ताक़तों और प्रगति के कारकों को नकार कर और राष्ट्र के दिलों में आशा की किरणों के बुझने का इशारा कर रहा है लेकिन ईरानी जनता और युवा निरंतर प्रयासों से भविष्य के उज्ज्वल क्षितिज की तलाश में हैं और मतभेदों से बचने का प्रयास कर रहे हैं।

अपने संबोधन के दूसरे भाग में, उन्होंने प्रतिभावान जवान, काम के लिए तैयार क़ौम, बेनज़ीर राष्ट्रीय संसाधन और विशिष्ट भौगोलिक पोज़ीशन को ईरान की तरक़्क़ी के जारी रहने की बेपनाह गुंजाइशों में गिनवाते हुए कहा कि तरक़्क़ी के लिए ज़रूरी है कि सभी भविष्य की ओर से आशावान रहें।

अयातुल्लाहिल उज़मा सैयद अली खामेनेई ने उद्योग, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, राजनीतिक और विदेश नीति के क्षेत्र में वैज्ञानिक प्रगति और ईरान की अद्वितीय सुरक्षा पर रोशनी डाली जो 22 बहमन की रैलियों और हालिया चुनावों के सुरक्षित आयोजन में सामने आई। उन्होंने इन चीज़ों को आशा और मज़बूती देने वाले, लोगों में सम्मान और गौरव की भावना बढ़ाने वाले कारक क़रार दिए।

सुप्रीम लीडर ने कहा कि देशभर में हज़ारों शक्तिशाली और सक्षम युवा, प्रेरित और उत्साही ग्रुप्स, विभिन्न वैज्ञानिक,  सांस्कृतिक और कलात्मक और धार्मिक शिक्षाओं के क्षेत्रों में समाज के माहौल को बेहतर बनाने के लिए काम करने और प्रयास करने में व्यस्त हैं।

उन्होंने भव्य अरबीन जुलूसों और ग़दीर तथा 15 शाबान के त्योहारों के आयोजन को आशाजनक और उत्थानकारी प्रदर्शन क़रार दिया और कहा मुख्य और अहम तथ्यों को दिखाने में देश में प्रचारतंत्र की अपर्याप्तता के लिए खेद व्यक्त किया और कहा

इन आशावादी दृश्यों और प्रभावों के बावजूद, कुछ लापरवाह व निश्चेत लोग, नकारात्मकता की वजह से युवाओं में आशा के अस्तित्व को नकारना चाहते हैं और इसे नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने युवाओं को दुश्मन की योजनाओं से आगे रहने की ज़ोरदार सलाह दी और कहा कि वे आपको हतोत्साहित करना चाहते हैं और प्रगति की कुछ आहटों को आप तक नहीं पहुंचने देना चाहते हैं लेकिन आपको शत्रुओं के निराशाजनक प्रयासों से अधिक आशा और समृद्धि पैदा करने के लिए काम करना चाहिए और प्रयास करना चाहिए। (AK)

 

 

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