ट्रम्प पर ईरान के बयान पर ईरान के बयान को सुरक्षा परिषद का दस्तावेज़ बनाया जाएः ग़ुलाम अली ख़ुशरू
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के जेसीपीओए विरोधी बयान पर ईरान के बयान को सुरक्षा परिषद के दस्तावेज़ के रूप में पंजीकृत करने की मांग की है।
इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ग़ुलाम अली खुशरू ने शुक्रवार की शाम संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस और सुरक्षा परिषद के प्रमुख के नाम अलग अलग पत्र लिखकर यह मांग की।
इस्लामी गणतंत्र ईरान ने शुक्रवार की रात अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के भाषण और ईरान तथा जेसीपीओए के बारे में उनकी नीति की घोषणा के जवाब में एक बयान जारी किया है।
इस बयान में आया है कि जेसीपीओए एक विश्वसनीय दस्तावेज़ और कूटनयिक स्तर पर एक अद्वितीय उपबल्धि है कि जिस पर न तो दोबारा वार्ता की जा सकती है और न ही यह बदलने योग्य है।
इस बयान में आया है कि संयुक्त समग्र कार्य योजना एक द्विपक्षीय समझौता नहीं है जिससे एक पक्ष के निकलने से उसकी विश्वसनीयता समाप्त हो जाएगी बल्कि एक एेसा दस्तावेज़ है जिसकी सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव क्रमांक 2231 और विश्व समुदाय ने पुष्टि की है इसीलिए इसके समस्त पक्षों और विश्व समुदाय को इस बात अनुमति नहीं देनी चाहिए कि अमरीका इस समझौते का मज़ाक उड़ाए।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के बयान में आया है कि ईरान पहले जेसीपीओए से नहीं निकलेगा किन्तु जेसीपीओए में वर्णित ईरान के अधिकारों और उसके हितों का ख़याल न रखे जाने की स्थिति में अपने समस्त वचनों को समाप्त कर देगा और बिना किसी सीमित्ता के अपनी शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों को जारी रखेगा। (AK)