जेसीपीओए के संबंध में योरोप की शर्त सही नहीं है, विलायती
ईरान में जेसीपीओए को लागू करने की प्रक्रिया का निरीक्षण करने वाली समिति के सदस्य ने बल दिया कि योरोप की ओर से जेसीपीओए के संबंध में शर्त ईरान क़ुबूल नहीं करेगा।
मंगलवार को अली अकबर विलायती ने पत्रकारों के बीच बल दिया कि योरोपीय देश अपने बयान पर अधिक ध्यान दें। उन्होंने कहा कि योरोपीय अधिकारियों का यह कहना कि वे जेसीपीओए को मानते हैं लेकिन ईरान की क्षेत्र में मौजूदगी या उसके मीज़ाईल कार्यक्रम के बारे में बात करना चाहते हैं, जेसीपीओए को सशर्त करने के अर्थ में है जिसे तेहरान नहीं मानेगा।
उन्होंने कहा कि जेसीपीओए में अलग से शर्त नहीं लगायी जा सकती बल्कि वह उसी रूप में है जिस पर ईरान और गुट पांच धन एक ने दस्तख़त किए हैं।
अली अकबर विलायती ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि इराक़ और सीरिया में ईरान इन देशों की सरकार के अनुरोध पर मौजूद है, कहा कि क्षेत्रीय सहयोग करना ईरान का अधिकार है। जिस तरह योरोपीय देशों ने एक दूसरे के साथ गठजोड़ बना रखा है, पश्चिम एशिया के देशों ने भी इस क्षेत्र में प्रतिरोध का मोर्चा बनाया है जो तेहरान से शुरु होकर बग़दाद से गुज़रता हुआ दमिश्क़, लेबनान और फ़िलिस्तीन पहुंचता है।
अली अकबर विलायती ने जो ईरान की इस्लामी क्रान्तिक हित संरक्षक परिषद के सदस्य भी हैं, अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के आईआरजीसी के ख़िलाफ़ बयान को ख़ारिज करते हुए कहा कि यह संगठन विदेशियों के मुक़ाबले में ईरानी राष्ट्र के प्रतिरोध की आकांक्षाओं और ईरान की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा का प्रतिबिंबन है।
उन्होंने बल दिया कि आईआरजीसी ईरानी समाज का अभिन्न अंग है। (MAQ/N)