साद हरीरी का त्यागपत्र, स्वतंत्र राष्ट्रों के विरुद्ध षड्यंत्र हैः अली शमख़ानी
(last modified Sun, 05 Nov 2017 17:29:12 GMT )
Nov ०५, २०१७ २२:५९ Asia/Kolkata
  • साद हरीरी का त्यागपत्र, स्वतंत्र राष्ट्रों के विरुद्ध षड्यंत्र हैः अली शमख़ानी

ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शमख़ानी ने कहा है कि सऊदी अरब की राजधानी रियाज़ में बैठकर लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी का त्यागपत्र, स्वतंत्र राष्ट्रों के विरुद्ध षड्यंत्रों और योजनाओं का भाग है।

लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी ने शनिवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाज़ में अपने पद से त्याग पत्र दे दिया। उन्होंने त्यागपत्र देने के बाद दावा किया कि लेबनान का वर्तमान वातावरण वर्ष 2005 में पूर्व प्रधानमंत्री रफ़ीक़ हरीरी की हत्या के काल से बहुत मिलता जुलता है।

उन्होंने दावा किया कि मैंने यह एहसास किया कि मेरी भी हत्या कर देंगे, इसीलिए मैंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र देने के बाद ईरान पर लेबनान सहित क्षेत्रीय अरब देशों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया और दावा किया कि लेबनान का हिज़्बुल्लाह, क्षेत्र में ईरान की विंग है।

ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शमख़ानी ने रविवार को संवाददाता से बात करते हुए साद हरीरी के अचानक पद से त्यागपत्र के कारणों से पर्दा उठाते हुए कहा कि इसका अर्थ यह नहीं है कि स्वतंत्र राष्ट्र अपने पिट्ठु अधिकारियों का अनुसरण करें बल्कि राष्ट्रों को अपना रास्ता स्वयं ही चुनना होगा।

उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने लेबनान के साथ जो किया यह वही काम है जो अमरीका सऊदी अरब के साथ करता है और जैसा वाशिंग्टन आदेश देता है, सऊदी अरब वैसा करता है, रियाज़ ने भी बैरूत को आदेश दिया और साद हरीरी ने उस पर अमल किया।

लेबनान के पूर्व व वर्तमान अधिकारियों और टीकाकारों ने साद हरीरी के अचानक त्यागपत्र को दबाव का कारण बताया है। (AK) 

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