क्या ईरान की इस  चेतावनी को गंभीरता से ले लिया भारत ने? अमरीका से की बात शुरु ...
(last modified Thu, 19 Sep 2019 14:54:12 GMT )
Sep १९, २०१९ २०:२४ Asia/Kolkata
  • क्या ईरान की इस  चेतावनी को गंभीरता से ले लिया भारत ने? अमरीका से की बात शुरु ...

जानकार सूत्रों ने बताया है कि भारतीय अधिकारियों ने ईरान से तेल आयात को पुनः आरंभ करने के लिए एक बार फिर अमरीका से बातचीत शुरु कर दी है।

सूत्रों ने बताया है कि भारत ने, ईरान के खिलाफ अमरीका के तेल प्रतिबंधों को खत्म करने या छूट प्राप्त करने के लिए फिर से प्रयास आरंभ कर दिया है।

प्रेस टीवी ने बताया है कि भारत ने यह प्रयास ऐसी दशा में आरंभ किया है कि जब सऊदी अरब के तेल कारखानों पर हमले की वजह से तेल के बाज़ार में उथल- पुथल मची है। प्रेस टीवी ने भारतीय मीडिया के हवाले से बताया है कि नयी दिल्ली ने ईरान से तेल निर्यात के लिए अमरीका से दोबारा वार्ता आरंभ कर दी है।

भारत ने अमरीका द्वारा ईरान से तेल आयात पर दी गयी छूट खत्म करने बाद ईरान से तेल आयात रोक लिया है। भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने मंगलवार को कहा था कि ईरान से पुनः तेल आयात के मुद्दे पर बातचीत कभी बंद नहीं की और अधिकारियों ने हमेशा ही इस समस्या के समाधान का मार्ग खोजने का प्रयास किया है।

पिछले हफ्ते भारतीय विदेशमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईरान की यात्रा की थी और कहा जाता है कि इस यात्रा में ईरान से तेल खरीदने के विषय पर भी चर्चा हुई है।

कुछ ही दिनों पहले भारत में ईरान के राजदूत अली चेगीनी ने कहा था कि भारत, ईरान से तेल आयात आरंभ करे अन्यथा ईरान, सोयाबीन और चावल के लिए दूसरे बाज़ारों का रुख कर सकता है।

भारत में ईरानी राजदूत ने कहा था कि भारत हमारा एक अच्छ दोस्त है, हम पड़ोसी हैं और हमारी दोस्ती का इतिहास पुराना है, मुझे भारत से आशा है। भारत को यह पता है कि प्रतिबंध, ईरान पर एक पक्षीय रूप से अमरीका ने लगाए हैं और यह संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंध नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सन 2019 में तेहरान और नयी दिल्ली के बीच व्यापार लगभग 13 अरब डॉलर तक पहुंच गया है लेकिन प्रतिबंध और तेल निर्यात के रुक जाने की वजह से दोनों देशों के मध्य व्यापार की रफ्तार धीमी पड़ गयी है।

भारत में ईरानी राजदूत ने चेतावनी दी कि अगर भारत ईरान के साथ व्यापारिक लेन-देन को पहले की तरह सामान्य नहीं बनाता तो ईरान शायद चावल और सोयाबीन के लिए भारत को छोड़ कर अन्य बाज़ारों का रुख कर ले।

भारतीय सूत्रों ने बताया है कि भारत के विदेशमंत्री एक उच्च प्रतिनिधिमंडल के साथ जारी महीने में ईरान की यात्रा कर सकते हैं जिसके दौरान से सब से महत्वपूर्ण मुद्दा, ईरान से भारत के तेल आयात को पुनः आरंभ करना होगा।  (Q.A.)

 

 

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