आईएईए की ग़लत अपेक्षाएं नहीं मानेगा तेहरानः ईरानी संसद
ईरान के संसद सभापति ज़ोर देकर कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ग़लत अपेक्षाओं को नहीं मानेगा।
मुहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ ने रविवार को संसद की खुली कार्यवाही में आईएईए के निदेशक मंडल की ओर से ईरान के ख़िलाफ़ जारी होने वाले प्रस्ताव की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि ईरान उन्हें कभी भी इस बात की इजाज़त नहीं देगा कि वे बिना किसी सीमा के जो चाहें करते रहें और दुश्मन देशों की जासूसी की कड़ियों को पूरा करते रहें। याद रहे कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के निदेशक मंडल ने 19 जून को रूस व चीन जैसे अहम देशों के कड़े विरोध के बावजूद ईरान के ख़िलाफ़ ब्रिटेन, फ़्रान्स और जर्मनी की यूरोपीय तिकड़ी के राजनैतिक प्रस्ताव को पारित कर दिया था।
ईरान के संसद सभापति ने इसी तरह तेहरान की ओर से अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं को कम करने की नीति की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि ईरान ने इसके बावजूद अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी से सहयोग जारी रखे हुए है। ईरान ने एक साल तक अमरीका व परमाणु समझौते के यूरोपीय पक्षों की ओर से अपने वादों की अनदेखी सहन करने के बाद 8 मई सन 2019 को धीरे धीरे करके इस समझौते के अंतर्गत अपनी प्रतिबद्धताओं पर अमल में कमी शुरू कर दी थी और पांच जनवरी सन 2020 को उसने इस संबंध में अपने पांचवें क़दम के तहत घोषणा कर दी कि वह यूरेनियम के संवर्धन की क्षमता, संवधर्न की मात्रा, संवर्धित पदार्थों की मात्रा और परमाणु क्षेत्र में शोध के बारे में किसी भी सीमितता को स्वीकार नहीं करेगा।
परमाणु समझौते के अनुच्छेद 26 और 36 के अनुसार अगर सामने वाला पक्ष अपने वादों को पूरा न करे तो ईरान को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरे या आंशिक रूप से रोकने का अधिकार है। (HN)