राष्ट्र संघ ने भी जनरल सुलमानी की हत्या को ग़ैर क़ानूनी बताया
(last modified Tue, 07 Jul 2020 06:26:59 GMT )
Jul ०७, २०२० ११:५६ Asia/Kolkata
  • राष्ट्र संघ ने भी जनरल सुलमानी की हत्या को ग़ैर क़ानूनी बताया

संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष रिपोर्टर ने बल देकर कहा है कि अमरीकी सेना के हाथों शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या, अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों का खुला उल्लंघन है।

क़ानून से हट कर की जाने वाली हत्याओं के मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष रिपोर्टर एग्नेस कालामार ने कहा है कि अमरीका, अपने लिए निकट भविष्य में आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमनी के ख़तरा होने के दावे के बारे में सुबूत पेश नहीं कर सका है। उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि वह ड्रोन हमला, जिसमें जनरल सुलैमान की हत्या की गई, संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणापत्र का उल्लंघन था। उनका कहना है कि दुनिया ड्रोनों के इस्तेमाल के संबंध में एक संवेदनशील समय में पहुंच चुकी है। यह ऐसी स्थिति में है कि जब संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद कोई क़दम नहीं उठा रही है और विश्व समुदाय चाहे अनचाहे में मूकदर्शक बना हुआ है। कालामार अपनी रिपोर्ट गुरुवार को राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद को सौंपने वाली हैं ताकि परिषद के सदस्य इस बारे में चर्चा कर सकें कि इस संबंध में क्या क़दम उठाया जाना चाहिए। यह भी याद रहे कि अमरीका दो साल पहले ही राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद के इस्राईल विरोधी रुख़ के कारण इस परिषद से निकल चुका है।

 

अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि शहीद जनरल सुलैमानी अमरीकी हितों के लिए एक त्वरित ख़तरा बन गए थे और इसी लिए तत्काल उनकी हत्या का फ़ैसला किया गया जबकि एनबीसी टीवी चैनल ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने जून 2019 में ही उनकी हत्या का आदेश जारी कर दिया था। ईरान के एयर डिफ़ेंस सिस्टम द्वारा अमरीका के ग्लोबल हाॅक नामक अत्यंत विकसित ड्रोन को मार गिराए जाने के बाद ट्रम्प ने आदेश दिया था कि अगर ईरानी बलों या ईरान के समर्थक बलों के हाथों अमरीकी सैनिक या नागरिक मारे जाते हैं तो अमरीकी सैनिक जनरल सुलैमानी को निशाना बनाएं। शहीद जनरल सुलैमानी की हत्या के बाद ट्रम्प ने तुरंत ही दावा किया कि वे अमरीका के लिए निकट भविष्य में ख़तरा बन चुके थे और वे अमरीका के चार दूतावासों पर हमले का कार्यक्रम बना रहे थे जबकि अमरीका अब तक इस दावे के बारे में कोई प्रमाण पेश नहीं कर सका है। राष्ट्र संघ की विशेष रिपोर्टर एग्नेस कालामार ने भी कहा है कि जनरल सुलैमानी की हत्या में पहली बार एक सरकार ने किसी तीसरे देश में एक सरकारी अधिकारी पर हमले के लिए अपनी प्रतिरक्षा के सिद्धांत के इस्तेमाल की बात कही है जो पूरी तरह से ग़ैर क़ानूनी है।

 

सच्चाई यह है कि ट्रम्प के सैन्य व सुरक्षा सलाहकारों की दृष्टि से जनरल क़ासिम सुलैमानी और जनरल अबू महदी अलमुहंदिस का बग़दाद में इकट्ठा होना, कि जो दाइश से संघर्ष में ईरान व इराक़ के दो अहम कमांडरों के रूप में मूल भूमिका रखते थे और साथ ही पश्चिमी एशिया में अमरीकी लक्ष्यों की राह में बड़ी रुकावट थे, एक ऐसा अवसर था जिसे अमरीका हाथ से नहीं जाने दे सकता था। इस प्रकार अमरीका ने इन दोनों कमांडरों व उनके साथियों की गाड़ियों पर कायरतापूर्ण हमला करके एक बड़ा अपराध किया। राष्ट्र संघ की विशेष रिपोर्टर एग्नेस कालामार की ओर से अमरीका के इस अपराध को पूरी तरह से ग़ैर क़ानूनी बताए जाने के बाद इस बात में कोई शक नहीं बचता कि ट्रम्प सरकार, अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के सबसे बड़े उल्लंघनकर्ताओं में शामिल है और वह अपनी एकपक्षीय नीतियों के सामने अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों को थोड़ा भी महत्व नहीं देती। (HN)

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