हमारे परमाणु समझौते में सऊदी अरब का क्या काम? नहीं है रियाज़ के लिए कोई जगह, ईरान की दो टूक
ईरान की संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि तेहरान, परमाणु समझौते में सऊदी अरब की भूमिका को नहीं मानता।
अबुलफ़ज़्ल अमूई ने परमाणु समझौते या जेसीपीओए के नए सदस्य के बारे में कहा कि इसके सदस्य स्पष्ट हैं जिसका उल्लेख, प्रस्ताव संख्या-2231 में है, एेसे में जेसीपीओए में सऊदी अरब के लिए कोई स्थान नहीं है।
ईरान की संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि सऊदी अरब के परमाणु कार्यक्रम के बारे में बहुत सी अस्पष्टताएं पाई जाती हैं।
उन्होंने कहा कि ईरान ने इस बात की घोषणा कर दी है कि रेयाज़ के साथ तकनीकी वार्ता की जा सकती है और वह मुख्य मुद्दा जिसपर सऊदियों के साथ पटल पर रखा जा सकता है वह उनके द्वारा हथियारों की ख़रीद और यमन की जनता के विरूद्ध उनकी कार्यवाहियां हैं।
अबुलफ़ज़्ल अमूई का कहना था कि ्इस समय ईरान, प्रतिबंधों को निष्क्रय बनाने की नीति पर काम कर रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि परमाणु समझौते के बारे में यूरोपियों के क्रियाकलाप व्यर्थ रहे हैं। उन्होंने अपने वचनों को पूरा नहीं किया है। इस आधार पर वचनों को पूरा करने का मुद्दा, सामने है और दूसरी ओर यूरोपियन से पूछताछ की जाएगी।
ईरान की संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के प्रवक्ता अबुलफ़ज़्ल अमूई ने परमाणु समझौते के बारे में फ़्रांस के राष्ट्रपति के हालिया दावों की ओर संकेत करते हुए कहा कि फ़्रांसीसी अधिकारियों के यह दावे वास्तविकता पर आधारित नहीं हैं कि पहले ईरान, परमाणु समझौते में वापस आए।
याद रहे कि फ़्रांस के राष्ट्रपति मैक्रां ने पत्रकारों से बात करते हुए इस्लामी गणतंत्र ईरान के साथ संभावित परमाणु वार्ता में सऊदी अरब सहित कुछ क्षेत्रीय देशों की उपस्थिति की मांग की थी।
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