Aug ०९, २०२३ १५:५४ Asia/Kolkata

अर्दोग़ान कहते हैं कि अधिक प्रयास करके देश की मुद्रा स्फीति को एक डिजिट में लाया जाएगा।

तुर्किये के लोगों को इस समय गंभी मंहगाई का सामना है।  हालात से यह लगता है कि निकट भविष्य में इसके कम होने की कोई संभावना नहीं है लेकिन इस देश के राष्ट्रपति ने मुद्रास्फीति की दर में कमी लाने का वचन दिया है। 

तुर्किये के एनटीवी की रिपोर्ट के अनुसार रजब तैयब अर्दोग़ान ने 8 सितंबर को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कई आंतरिक और विदेशी मुद्दों के आपस में मिल जाने के कारण तुर्किये में मुद्रास्फीति की दर दो डिजिट में पहुंच गई है।  उन्होंने दावा किया है कि अधिक प्रयास करके इसको एक डिजिट में लाया जाएगा। 

रजब तैयब अर्दोग़ान की ओर से यह दावा एसी हालत में किया जा रहा है कि जब उन्होंने 18 जूलाई को यह वचन दिया था कि उनकी आर्थिक टीम बहुत ही जल्दी मुद्रास्फीति को एक डिजिट में कर देगी।हालांकि तुर्की के आर्थिक मामलों के टीकाकारों का कहना है कि यह फिलहाल संभव ही नहीं है।  तीसरी बार तुर्किये के राष्ट्रपति पद पर आसीन होने के बाद अर्दोग़ान ने कहा था कि वे देश की जनता की आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

हालांकि यह बात बिल्कुल सही है कि तुर्किये की वर्तमान आर्थिक स्थति को देखते हुए वहां पर किसी भी प्रकार का आर्थिक सुधार एक स्वपन जैसी बात है।  तुर्किये की आर्थिक स्थति को पटरी पर लाने के लिए इस देश के राष्ट्रपति के घिसे-पिटे दावों की पोल इसलिए खुल जाती है क्योंकि उनकी आर्थिक टीम इस देश की आर्थिक समस्याओं के समाधान मे अबतक अक्षम रही है। 

एसे मे विशेषज्ञों का कहना है कि अर्दोग़ान के दावें को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता क्योंकि वे तो तुर्किये की आर्थिक स्थति में सुधान के लिए किसी चमत्कार की प्रतीक्षा में हैं।  इस संबन्ध में तुर्किये के विश्व विख्यात अर्थशास्त्री दारून अज्म ओग़लू कई बार यह बात कह चुके हैं कि इस देश की आर्थिक समस्याएं बहुत गहरी हैं एसे में केवल मध्यम अवधि की योजनाओं और मुद्रा स्फीति में कमी से इसका समाधान नहीं किया जा सकता।  दूसरे शब्दों में वे तुर्किये के सरकारी सिस्टम में पाए जाने वाले भ्रष्टाचार को बताना चाह रहे हैं।

मई में तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान के पुनः विजयी होने के बाद इस देश की राष्ट्रीय मुद्रा का, विश्वसनीय अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राऔओं के मुक़ाबले में बहुत अधिक अवमूल्यन हो चुका है।  तुर्किये में मंहगाई को लेकर रजब तैयब अर्दोग़ान का हालिया बयान, एक हिसाब से तुर्किये की जनता के लिए एक कम प्रभा रखने वाला पेन किलर तो हो सकता है किंत यह किसी भी स्थति में इस देश की आर्थिक बीमारी का उपचार नहीं कर सकता।

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें

टैग्स