Aug २९, २०२३ १३:०५ Asia/Kolkata
  • यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने नाइजर के मामले में विदेशी हस्तक्षेप पर ख़बरदार कर दिया

यमन के स्वयं सेवी बल अंसारुल्लाह आंदोलन के राजनीतिक कार्यालय ने नाइजर की जनता की इच्छा के समर्थन पर बल दिया और नाइजर के पड़ोसी देशों से इस देश में राष्ट्रीय इच्छा का सम्मान करने की अपील की है।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार इस बयान में यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने नाइजर गणराज्य और उसकी जनता के हितों के खिलाफ किसी भी विदेशी सैन्य हस्तक्षेप का विरोध किया जो संप्रभुता और स्वतंत्रता चाहते हैं।

इससे पहले, यमन की सर्वोच्च राजनीतिक परिषद के सदस्य मोहम्मद अली अल-हूसी ने नाइजर में हालिया घटनाक्रम और फ्रांस द्वारा सैन्य कार्रवाई की धमकी के बारे में अपनी टिप्पणी में कहा था कि नाइजर के ख़िलाफ कोई भी सैन्य कार्रवाई की निंदा की जानी चाहिए जो इस देश की जनता की इच्छा के ख़िलाफ़ हो।

मोहम्मद अली अल-हूसी ने कहा कि हम स्वतंत्र समाज से अफ्रीकी देशों के खिलाफ किसी भी सैन्य कार्रवाई की निंदा करने की अपील करते हैं।

यह बयान पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय (इकोवास) के चीफ ऑफ़ स्टाफ द्वारा नाइजर में घुसने के लिए 25 हज़ार सैनिकों की एक सेना बनाने पर सहमति के बाद दिए गए थे।

बुधवार 26 जुलाई को नाइजर के राष्ट्रपति गार्ड ने देश के राष्ट्रपति मोहम्मद बाज़ूम को राष्ट्रपति महल के अंदर हिरासत में लिया और फिर उन्हें अपदस्थ कर दिया था। 28 जुलाई को जनरल अब्दुल रहमान चियानी" को नाइजर की सैन्य सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया। (AK)

 

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