Mar ०१, २०२४ १५:५० Asia/Kolkata
  • राहत सामग्री हासिल करने के लिए क़तार में खड़े फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार से दुनिया स्तब्ध

उत्तरी ग़ज़ा में राहत सामग्री हासिल करने के लिए क़तार में खड़े भुखमरी का शिकार फ़िलिस्तीनियों पर ज़ायोनी सैनिकों ने अंधाधुंध फ़ायरिंग करके 100 से भी ज़्यादा लोगों को शहीद कर दिया है।

राहत और मानवाधिकार संगठनों ने इसे एक जघन्य क़त्लेआम बताया है, जिसमें वह बेगुनाह लोग आरे गए हैं, जो भोजन के लिए कुछ सहायता मिल जाने का इंतज़ार कर रहे थे।

इस बीच, ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भुखमरी और कुपोषण से उत्तरी ग़ज़ा में 4 अन्य बच्चे शहीद हो गए हैं।    

फ़िलिस्तीनी तरी ग़ज़ा में 4 अन्य बच्चे शहीद हो गए हैंर रहे थे। ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मीडिया ने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि ज़ायोनी सैनिकों ने सहायता सामग्री हासिल करने का प्रयास करने वाली भीड़ पर गोलियां चलाई हैं। वहीं ज़ायोनी सेना के एक सूत्र ने दावा किया है कि सैनिकों को लगा कि उनकी जान जोख़िम में है, इसलिए उन्होंने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं।

संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीनी राजदूत रियाज़ मंसूर का कहना है कि फ़िलिस्तीनी, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता की क़ीमत चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में जिस भीड़ पर इस्राईली सैनिकों ने गोलियां चलाई हैं, उनके सिरों में गोलियां लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोई भ्रम पैदा होने की स्थिति में हवाई फ़ायरिंग की गई है, बल्कि यह गोलियां जानबूझकर लोगों की जान लेने के लिए चलाई गई हैं। सुरक्षा परिषद में युद्ध विराम के प्रस्ताव को वीटो किए जाने और उसकी निष्क्रियता के कारण, फ़िलिस्तीनियों को यह क़ीमत चुकानी पड़ रही है।

चीन ने सहायता वितरण के दौरान, 100 से भी ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार की कड़ी निंदा की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि इस घटना से चीन स्तब्ध रह गया और वह इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस घनटा की निंदा करते हुए कहा है कि वह इस दुखद मानवीय नुक़सान से स्तब्ध हैं। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने फ़िलिस्तीनियों की मौत की निंदा करते हुए कहा है कि यह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। तुर्की ने ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों को भूखा मारने की साज़िश की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ज़ायोनी शासन का मानवता के ख़िलाफ़ एक अन्य अपराध है।

ग़ौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने इस्राईली सेना पर आरोप लगाया है कि वह व्यवस्थित रूप से पीड़ित फ़िलिस्तीनियों तक सहायता पहुंचने में रुकावट डाल रही है। वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ग़ज़ा पट्टी की कम से कम एक-चौथाई आबादी भुखमरी से सिर्फ़ एक क़दम दूर है।

गुरुवार की इस घटना से पहले भी मंगलवार को और उससे पहले ग़ज़ा में सहायता सामग्री लेने के लिए इकट्ठा होने वाले फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईली सैनिकों ने गोलियां बरसाई थीं।

ग़ज़ा युद्ध को शुरू हुए क़रीब पांच महीने होने वाले हैं। इस युद्ध में ज़ायोनी सेना के हाथों 30,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, जिनमें अधिकांश संख्या बच्चों और महिलाओं की है।

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