Mar ०५, २०२२ १८:२१ Asia/Kolkata
  • यूक्रेन में रूस से लड़ने के लिए अमरीका, सीरिया में दाइश के आतंकवादियों को ट्रेनिंग दे रहा है, मास्को

रूस की विदेश ख़ुफ़िया एजेंसी एसवीआर ने शुक्रवार को एक बयान जारी करके कहा है कि अमरीका, सीरिया की अल-तनफ़ छावनी में दाइश के आतंकवादियों को यूक्रेन में लड़ाई की ट्रेनिंग दे रहा है। सीरिया स्थित अल-तनफ़ सैन्य छावनी पर अमरीका का क़ब्ज़ा है और वहां दाइश के आतंकवादियों को लड़ाई की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसके बाद उन्हें यूक्रेन में रूस के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए भेजा जाएगा।

हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने भी दावा किया था कि अब तक क़रीब 16000 विदेशी लड़ाके रूस के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए यूक्रेन पहुंच चुके हैं।

एसवीआर की इस रिपोर्ट के मुताबिक़, जिस तरह से वाशिंगटन ने सीरिया और इराक़ में दाइश के आतंकवादियों को का अपने हितों को साधने के लिए इस्तेमाल किया, और उसके बाद उन्हें अफ़ग़ानिस्तान पहुंचाया, अब उसी तरह वे उनका इस्तेमाल यूक्रेन में करना चाहते हैं। अमरीका और पश्चिमी देश, दाइश के आतंकवादियों द्वारा हिंसा और रक्तपात के डरावने दृश्यों से रूसी नागरिकों में डर पैदा करने चाहते हैं, ताकि वे अपने सैनिकों को ख़तरे में देखकर, यूक्रेन युद्ध के ख़िलाफ़ सड़कों पर निकल आएं।

रूसी ख़ुफ़िया एजेंसी की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यूएस सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी और यूएस आर्म्ड फ़ोर्सेज़ स्पेशल ऑपरेशंस कमांड पश्चिम एशिया और अफ्रीक़ी देशों में दाइश की नई शाख़ाओं का गठन कर रहे हैं, जिन्हें नाटो ख़ुफ़िया सेवाओं की मदद से यूक्रेन को स्थानांतरित किया जाएगा। पोलैंड के माध्यम से यूक्रेन में आतंकवादी गतिविधियों अंजाम देना और रूसी सैनिकों को निशाना बनाना, अमरीका की योजनाओं में से एक है।

रूस ने अमरीका की इस योजना को लेकर चेतावनी जारी की है और मध्य एशियाई देशों को सचेत किया है।

अमरीका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी यूक्रेन की मिसाल अफ़ग़ानिस्तान से देते हुए कहा था कि जिस तरह से 1980 के दशक में अमरीका और पश्चिमी देशों ने अरब देशों के साथ मिलकर अफ़ग़ानिस्तान में इस्लामी मुजाहेदीन को हथियार और ट्रेनिंग दी थी, उसी तरह से यूक्रेन में भी रूस को टक्कर दी जा सकती है।

ग़ौरतलब है कि 1970 के दशक के अंत में अफ़ग़ानिस्तान पर सोवियत संघ के हमले के बाद, अमरीका और उसके सहयोगियों ने न सिर्फ़ अफ़ग़ान लड़ाकों के लिए हथियारों की आपूर्ति की थी, बल्कि अल-क़ायदा जैसे ख़ूंख़ार आतंकवादी गुटों को भी जन्म दिया था, जिसने बाद में चलकर अमरीका में नाइन इलेवन जैसी घटना को अंजाम दिया। msm

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