Jul १८, २०२३ १४:३५ Asia/Kolkata

मोहर्रम महीने और सीरिया का बहुत ही ख़ास संबंध है, जैसे मोहर्रम आरंभ होते ही इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चाहने वालों की नज़रें हर समय कर्बला की ओर रहती है वैसे ही सीरिया का दमिश्क़ भी हज़रत ज़ैनब (स) की यादों से ताज़ा हो जाता है। मोहर्रम का महीना आते ही दमिश्क़ का वातावरण बिल्कुल अलग ही देखने को मिलता है ... एक सीरियाई युवक का कहना है कि हम हर साल इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के नाम की सबील लगाते हैं ... एक अन्य अज़ादार का कहना है कि हम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चाहने वाले हैं, सच का साथ देने और ...

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