Aug १९, २०२३ १८:१३ Asia/Kolkata
  • हज़रत ज़ैनब के रौज़े की ओर आंख उठा कर देखने वालों का क्या होगा अंजाम? हिज़्बुल्लाह ने आतंकी माज़िन को सज़ा देकर क़ायम की मिसाल!

पिछले दिनों सीरिया की राजधानी दमिश्क़ में स्थित पैग़म्बरे इस्लाम (स) की प्राण प्रिय नवासी और इमाम हैसुन अलैहिस्सलाम की बहन हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के पवित्र रौज़े के नज़दीक तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश ने एक के बाद एक धमाके करके मोहर्रम के महीने में दहशत का माहौल पैदा करने की साज़िश की थी। इस हमले में 6 लोग हताहत और एक दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे।

तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश के आतंकवादियों ने दमिश्क़ के ज़ैनबिया क्षेत्र में अस्सूदान नामक सड़क पर एक वाहन के निकट विस्फोटकों से भरी एक मोटर साइकिल के लिए धमाका किया था। दाइश ने बयान जारी करके स्वीकार किया था कि उसने यह हमला हज़रत ज़ैनब के रौज़े को लक्ष्य बनाकर किया था, लेकिन सुरक्षा घेरा मज़बूत होने के कारण वह वे रौज़े तक नहीं पहुंच पाए थे। दाइश ने अपने बयान में इस बात को भी क़बूल किया था कि उसका उद्देश्य इन बम धमाकों से शिया मुसलमानों को मौत के घाट उतारना और उनके पवित्र स्थलों को पूरी तरह नुक़सान पहुंचाना है। दाइश की इस स्वीकारोक्ति से यह बात तो पूरी तरह साबित हो जाती है कि इस ख़ंख़ार आतंकवादी गुट के पीछे वह ताक़तें हैं जो शिया मुसलमानों से भयभीत है, जो पूरी दुनिया में फैलते कर्बला के संदेश से डरे हुए हैं और जिनके लिए आशूरा आंदोलन एक डरावना सपना है। लेकिन दुश्मन चाहे जितना बुरा सोच ले, जितनी साज़िशें कर ले और जितने आतंकवादी पैदा कर ले, हर दौर में ज़ालिम के ख़िलाफ़ डटकर मुक़ाबला करने वाले जियाले भी जन्म लेते हैं। इस दौर में हिज़्बुल्लाह जैसे प्रतिरोधक बल के जवान ज़ालिमों को ईंट का जवाब पत्थर से देने की क्षमता रखते हैं। जिसका सबूत है आशूरा के दिन दमिश्क़ के ज़ैनबिया इलाक़े में धमाके करने वाले आतंकी वेसाम माज़िन का अंजाम।

कुछ दिनों पहले ईरान के शीराज़ शहर में स्थित हज़रत शाह चिराग़ के रौज़े पर भी दाइश के आतंकियों ने हमला किया था। हालिया दिनों में एक बार फिर शिया मुसलमानों के धार्मिक स्थलों को तकफ़ीरी आतंकवादियों ने निशाना बनाए जाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। 

समाचार एजेंसी तसनीम की रिपोर्ट के मुताबिक़, हिज़्बुल्लाह ने लेबनान में एक बड़े आतंकी ऑपरेशन को नाकाम कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हिज़्बुल्लाह के जियालों ने दक्षिण बैरूत के ज़ाहिया इलाक़े में एक बड़ी आतंकी हमले की साज़िश को उस समय नाकाम बना दिया है, जब हिज़्बुल्लाह को लेबनान में वेसाम माज़िन नाम के आतंकवादी की मौजूदगी की जानकारी मिली। यह आतंकवादी आशूरा के दिन दमिश्क़ में हुए बम विस्फोट में शामिल था, जिसमें 6 लोग शहीद हो गए थे और 23 अन्य घायल हो गए थे। यह आतंकी सीरिया में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के बाद वहां से भागकर लेबनान पहुंचा था। आतंकी माज़िन को लेबनान में भी आतंकी कार्यवाहियां अंजाम देने के लिए उसके आक़ाओं ने आदेश दिया था। इस बीच हिज़्बुल्लाह के ख़ुफ़िया तंत्र को उसके लेबनान पहुंचने और दक्षिण बैरूत के हय्युस्सलाम इलाक़े में स्थित एक इमारत की आख़िरी मंज़िल पर होने की सूचना मिली। जिसके बाद हिज़्बुल्लाह के जियालों ने एक कार्यवाही करते हुए हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के रौज़े को लक्ष्य बनाकर धमाका करने वाले आतंकी को मार गिराया। साथ ही हिज़्बुल्लाह ने एक बार फिर पवित्र स्थलों को निशाना बनाने वालों को यह साफ़ संदेश दे दिया है कि कोई भी हमारे पवित्र स्थलों की ओर आंख उठाकर देखेगा उसका अंजाम आतंकी माज़िन जैसा ही होगा। (RZ)  

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