इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के श्रद्धालुओं की ढाल बनकर खड़े हुए हश्दुश्शाबी के 11 हज़ार जियाले
इराक़ के स्वयंसेवी बल हश्दुश्शाबी के 11 हज़ार जवानों ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चेहलुम के मौक़े पर कर्बला पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अपनी करम कस ली है। नजफ़ से कर्बला जाने वाले रास्ते पर चप्पे पर अपनी पैनी नज़र जमाए इराक़ी जियाले अज़ादारों की ढाल बनकर चौबीस घंटे तैनात हैं।
समाचार एजेंसी तसनीम की रिपोर्ट के मुताबिक़, इराक़ के स्वयंसेवी बल हश्दुश्शाबी के प्रमुख फ़ालेह अल-फ़य्याज़ ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि हुश्दुश्शाबी के 11 हज़ार जवान अरबईन के मौक़े पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए पूरी तरह अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि आसमान से ज़मीन तक कोई भी ऐसी जगह नहीं है कि जिसपर हश्दुश्शाबी के जियालों की पैनी नज़र न हो। फ़ालेह अल-फ़य्याज़ ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए संयुक्त ऑपरेशनल कमान्ड, गृह मंत्रालय और अन्य सुरक्षा एजेंसियों और संगठनों के साथ पूरी तरह समन्वय स्थापित है।
उल्लेखनीय है कि इस समय इराक़ लाख़ों इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के श्रद्धालुओं का मेज़बान है। दुनिया के कोने-कोने से अज़ादारों का सैलाब पवित्र नगर कर्बला पहुंच रहा है। वहीं इस समय इराक़ सरकार के सिर पर इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा करना सबसे अहम और बड़ी ज़िम्मेदारी है। इसी को देखते हुए पवित्र नगर नजफ़ से कर्बला तक पैदल जाने वाले लाखों अज़ादारों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी इराक़ के स्वयसेवी बल हश्दुश्शाबी के कंधों पर दी गई है। बता दें कि शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाहिल उज़मा सीस्तानी के आह्वान पर वजूद में आए इराक़ी स्वयंसेवी बल हश्दुश्शाबी ने ही दाइश को धूल चटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। (RZ)
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