ग़ज़्ज़ा में शहीद होने वाले बच्चों की डरावनी संख्या का हुआ एलान, साम्राज्यवाद का पागलपन
पार्सटुडेः संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़ी संस्था यूनिसेफ ने अपनी एक रिपोर्ट के ज़रिए यह एलान किया है कि ज़ायोनी शासन ने ग़ज़्ज़ा युद्ध के शुरू से अब तक कम से कम 13,800 बच्चों को शहीद किया है।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की प्रमुख कैथरीन एम रसेल ने ग़ज़्ज़ा में बच्चों की स्थिति को अफ़सोसनाक और दर्दनाक मानते हुए कहा कि ग़ज़्ज़ा में होने वाले नुक़सानों का पैमाना और तेज़ी चौंकाने वाली है। ज़ायोनी शासन के हमलों के परिणामस्वरूप ग़ज़्ज़ा पट्टी में 13,800 से अधिक बच्चे शहीद हो चुके हैं।
नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी शासन के हमलों में 33,899 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं और 76,000 से अधिक घायल हुए हैं। लगभग 8,000 लोग अभी भी लापता हैं और मलबे के नीचे हैं, और उन्हें बाहर निकालने के प्रयास अभी भी जारी हैं। इसके अलावा ग़ज़्ज़ा युद्ध में शहीद और घायलों में 73 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।
इस्राईली शासन की स्थापना 1917 में ब्रिटिश उपनिवेशवाद की योजना और विभिन्न देशों से फ़िलिस्तीनी भूमि पर यहूदियों के आप्रवासन के माध्यम से की गई थी, और इसके अस्तित्व की घोषणा 1948 में की गई थी। उस समय से विभिन्न तरह की ऐसी योजनाएं बनाई गई हैं कि जिनके अंतर्गत फ़िलिस्तीनी लोगों का नरसंहार और उनकी सम्पूर्ण भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा किया गया है।
इस्लामी गणराज्य ईरान इस्राइल के साम्राज्यवादी शासन के विघटन और यहूदियों की अपने मूल भूमि पर वापसी का समर्थक है। (RZ)
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