अपराधों को रोकने का तरीका, ज़ायोनियों में भय, लेबनान में इज़राइल के अपराधों के बारे में ईरानी यूज़र्स के ट्वीट
(last modified 2024-09-24T11:52:03+00:00 )
Sep २४, २०२४ १७:२२ Asia/Kolkata
  • अपराधों को रोकने का तरीका, ज़ायोनियों में भय, लेबनान में इज़राइल के अपराधों के बारे में ईरानी यूज़र्स के ट्वीट
    अपराधों को रोकने का तरीका, ज़ायोनियों में भय, लेबनान में इज़राइल के अपराधों के बारे में ईरानी यूज़र्स के ट्वीट

पार्सटुडे- एक्स सोशल नेटवर्क के यूज़र्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट्स डालकर लेबनान में ज़ायोनी शासन के अपराधों की निंदा की है।

लेबनान में ज़ायोनी शासन के हालिया अपराधों के बाद, हमने शैतानी ज़ायोनी शासन की क्रूरता पर एक्स सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर यूज़र्स की प्रतिक्रियाओं पर एक नज़र डाली।

 

प्रतिरोध ख़त्म नहीं होगा

 

एक्स सोशल नेटवर्क के एक यूज़र सैयद मोहम्मद हुसैन मीरलौही ने ज़ायोनी शासन द्वारा लेबनानी प्रतिरोधकर्ताओं की हत्या के जवाब में लिखा:

एक दिन था जब हिज़्बुल्लाह के पास कई सौ सैनिक थे, व्यक्तिगत हथियारों के अलावा, कई कैट्यूशा मीज़ाइलें और मोर्टार गोले थे। उनकी सारी पूंजी एमाद मुग़निया थे। उन्हें भी शहीद कर दिया । हिज़्बुल्लाह समाप्त नहीं हुआ, उसने हज़ारों और सैनिक बना लिए और व्यक्तिगत सामरिक हथियार और इसमें सर्वोत्तम विनाशकारी गाइडेड मिसाइलें भी हासिल कर लीं।

 

शैतान इस्राईली शासन आख़िरी सांस ले रहा है

 

प्रतिरोध के मोर्चे के सामने ज़ायोनी शासन की बेबसी का ज़िक्र करते हुए "माएदा ज़मीनी" नामक एक यूज़र ने भी लिखा:

पिछले 40 वर्षों में हिज़बुल्लाह और प्रतिरोधकर्ता गुटों और ज़ायोनी शासन की पोज़ीशन को देखें कि ज़ायोनी शासन किस चीज़ से नाराज़ है।

दुष्ट और शैतान शासन अपनी अंतिम सांसें ले रहा है और इन्शाअल्लाह उसका विनाश होगा और अल्हम्दुलिल्लाह, प्रतिरोध के मोर्चे पर और अंकुर आएंगे और यह पौधा इतना शक्तिशाली पेड़ बन जाएगा कि हत्याओं का कोई फ़ायदा नहीं होगा।

 

बच्चों की हत्यारी सरकार, अपनी वर्तमान दयनीय स्थिति में पहुंच गयी है

 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के विशेषज्ञ फ़ुआद इज़दी ने भी एक्स सोशल नेटवर्क पर लिखा:

76 वर्षों के आतंकवादी कृत्यों के बाद, बच्चों की हत्या करने वाला शासन अपनी वर्तमान दयनीय स्थिति में पहुंच गया है। आतंक और भय इस शासन के लिए एक प्रभावी हथकंडा न रहा है और न ही भविष्य में रहेगा।

 

हमें मार डालो ताकि मुस्लिम उम्मा और जागरूक जाए

 

एक्स सोशल नेटवर्क के एक यूज़र "अहमद बस्तामी" ने भी लिखा:

अधिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के खिलाफ अपने संघर्ष के इतिहास में, हिज़्बुल्लाह ने कई कमांडरों और यहां तक ​​कि अपने महासचिव अब्बास मूसवी की हत्या का अनुभव किया है, लेकिन क्या वे हिज़्बुल्लाह को रोकने में कामयाब रहे? न केवल वे विफल रहे, बल्कि हिज़्बुल्लाह हर दिन मज़बूत होता गया। इसलिए यह इमाम ख़ुमैनी के शब्द हैं कि हमें मार डालो ताकि मुस्लिम उम्माऔर अधिक जागृत हो जाए।

 

आतंक और भय ज़ायोनियों पर छाया रहना चाहिए

 

एक्स सोशल नेटवर्क के एक यूज़र रज़ा आबेदी गुनाबादी लिखते हैं:

इज़राइल के अपराधों को रोकने का एकमात्र तरीक़ा बड़े शहरों पर हमला करना और बड़ी संख्या में उसके लोगों को मारना है। कोई दूसरा रास्ता नहीं है, ज़ायोनियों पर भय छाया रहना चाहिए। इस मामले में, अमेरिका और पश्चिम भी इस शासन के सहयोगी के रूप में झुक जाएंगे।

 

ज़ायोनी मूर्ख हैं

 

मेहदी मोहम्मदी ने एक्स सोशल नेटवर्क पर लिखा:

आप जो कुछ भी देख रहे हैं वह हिज़्बुल्लाह को 'झुकाने की पेशकश' करना है। ज़ायोनी, चाहे वे कितने भी कुशल हत्यारे हों, अंततः बेवक़ूफ़ हैं!

 

कीवर्ड्ज़: इज़राइल और लेबनान, इज़राइली अपराध, ग़ज़ा युद्ध, हिज़्बुल्लाह, प्रतिरोध का मोर्चा (AK)

 

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