मूसिल में आम लोगों को बचाने के लिए सेना ने सैफ़ पैसेज खोला, बस आख़िरी इलाक़ा बचा है
(last modified Sun, 25 Jun 2017 10:26:19 GMT )
Jun २५, २०१७ १५:५६ Asia/Kolkata
  • 24 जून 2107 को पश्चिमी मूसिल में दाइश के एक गुट के मोर्चे के ख़िलाफ़ इराक़ी सेना का जवान बंदूक़ से निशाना लेते हुए (एएफ़पी के सौजन्य से)
    24 जून 2107 को पश्चिमी मूसिल में दाइश के एक गुट के मोर्चे के ख़िलाफ़ इराक़ी सेना का जवान बंदूक़ से निशाना लेते हुए (एएफ़पी के सौजन्य से)

इराक़ी सेना ने पश्चिमी मूसिल में नागरिकों के सुरक्षित निकलने के लिए सेफ़ पैसेज खोला है जहां दाइश आम लोगों को ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

शनिवार को इराक़ी फ़ोर्सेज़ ने पश्चिमी मूसिल के अंतिम भाग को आज़ाद कराने के लिए जारी कोशिश के बीच, सैकड़ों नागरिकों को तकफ़ीरियों के क़ब्ज़े से मुक्ति से दिलाई। पश्चिमी मूसिल में सैकड़ों की संख्या में लोग दाइश के क़ब्ज़े से बच निकलने में सफल हुए।

इराक़ी फ़ोर्सेज़ ने जिसमें स्वंयसेवी बल हश्दुश्शअबी शामिल है, 17 अक्तूबर 2016 से जबसे दाइश के ख़िलाफ़ अभियान शुरु हुआ है, अब तक बहुत बड़ी सफलता हासिल की है।

इराक़ी फ़ोर्सेज़ ने 100 दिन की लड़ाई के बाद पूर्वी मूसिल को आज़ाद कराया और फिर पश्चिमी मूसिल को आज़ाद कराने के लिए 19 फ़रवरी 2017 को अभियान शुरु किया।

23 जून 2017 को दाइश के चंगुल से बच निकलने के बाद मूसिल के औद्योगिक इलाक़े में बैठे हुए इराक़ी नागरिक

 

इससे पहले इराक़ी फ़ेडरल पुलिस प्रमुख लेफ़्टिनंट जनरल राएद शाकिर जौदत ने कहा कि आतंकी औरतों और बच्चों को सड़कों पर ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह पता है कि इराक़ी फ़ोर्सेज़ नागरिकों को निशाना नहीं बनाएंगी। उन्होंने कहा कि आतंकियों द्वारा लोगों को मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल किए जाने के कारण मूसिल की आज़ादी का अभियान योजना की तुलना में थोड़ा लंबा खिंच गया है। (MAQ/N)

 

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