सऊदी अरब के शहर क़तीफ़ में 4 और लोगों के सिर क़लम कर दिए गए
सऊदी अरब ने मानवाधिकारों का हनन करते हुए क़तीफ़ शहर में चार नागरिकों को मौत की सज़ा देदी।
सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि मंगलवार को तथाकथित आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में क़तीफ़ में चार लोगों के सिर क़लम कर दिए गए।
ग़ौरतलब है कि सऊदी अधिकारी अभिव्यक्ति की आज़ादी और शांतिपूर्ण प्रदर्शन जैसी गतिविधियों में शामिल होने को आतंकवादी गतिविधियों का नाम देकर कड़ी से कड़ी सज़ा देते हैं।
एमनेस्टी इंटरनेश्नल जैसी मानवाधिकार संस्थाएं जब भी मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए सऊदी अरब की आलोचना करती हैं, तो सऊदी अधिकारी इस आलोचना से बचने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के ख़तरे का दुखड़ा रोते हैं।
ढाई साल पहले सऊदी सरकार ने आतंकवाद से मुक़ाबले के नाम पर कड़े क़ानून बनाए थे और अब वह इन क़ानूनों का अपने ही शहरियों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रही है। आले सऊद शासन अपने इन अपराधों पर क़ानून का पर्दा डाल रहा है।
सऊदी अरब के वर्तमान किंग सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ के सत्ता संभालने के बाद, इस देश में सरकार विरोधियों के दमन में अत्यधिक वृद्धि देखने में आ रही है। इस संदर्भ में कहा जा सकता है कि आले सऊद ने दो जनवरी 2016 को देश के इतिहास में सबसे बड़ा सामूहिक मृत्यू दंड दिया और एक ही दिन में 47 लोगों को फांसी के फंदे पर लटका दिया।
इस संदर्भ में अरब देशों के मामलों के विशेषज्ञ, हुसैन शक़ीर का कहना है कि सऊदी सरकार, शिया मुसलमानों का बड़े पैमाने पर दमन कर रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सऊदी सरकार की यह नीति केवल शिया अल्पसंख्यकों के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है। हालांकि आजकल शिया मुसलमानों पर व्यापक अत्याचार किया जा रहा है, जिनकी अधिकांश संख्या देश के पूर्वी इलाक़ों में रहती है और वह बहुत ही कठिन परिस्थितियों में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। msm