जनेवा वार्ता के बारे में डि मिस्तूरा के बयान पर दमिश्क़ की प्रतिक्रिया
(last modified Sat, 16 Dec 2017 11:41:34 GMT )
Dec १६, २०१७ १७:११ Asia/Kolkata

सीरिया के विदेश मंत्रालय ने इस देश के मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत स्टीफ़न डि मिस्तूरा और फ़्रांस सरकार के दावों को ख़ारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने हालिया जनेवा वार्ता में प्रगति न होने के लिए दमिश्क़ को ज़िम्मेदार कहा।

डि मिस्तूरा ने गुरुवार की रात को जनेवा में सीरिया शांति वार्ता के आठवें चरण के अंत में यह दावा किया कि इस दौर की वार्ता के जो लक्ष्य थे वे दमिश्क़ सरकार की ओर से रुकावट के कारण हासिल न हो सके। यह इल्ज़ाम उन्होंने ऐसे समय लगाया जब राजनैतिक हल्क़े जनेवा वार्ता के इस चरण की नाकामी के लिए नवंबर में हुयी रियाज़ बैठक के घोषणापत्र को मान रहे हैं जिसमें वर्णित बिन्दु पहले ही निर्धारित कर दिए गए थे। + सीरिया के सऊदी अरब समर्थित विरोधी धड़े ने जनेवा वार्ता से कुछ दिन पहले आयोजित हुयी रियाज़-2 नामक बैठक में सीरियाई राष्ट्रपति बश्शार असद के सत्ता से हटने की मांग की।

ऐसे माहौल में डी मिस्तूरा के पक्षपाती व विरोधाभासी दृष्टिकोण के कारण एक बार फिर जनमत सीरिया के मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष प्रतिनिधि की नियत पर सवाल उठा रहा है। सीरिया के विरोधी धड़े, सीरियाई स्वंयसेवी बल और सेना के हाथों बारंबार हारने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से पेश होने वाले शांतिपूर्ण हल को नहीं मान रहे बल्कि वे सीरियाई राष्ट्र से विशिष्टता लेना चाहते हैं। इस बीच जनेवा वार्ता का मंच सीरिया के विरोधी गुटों की शरारत के कारण इस देश के संकट को हल करने के केन्द्र के बजाए सीरियाई सरकार पर दबाव डालने और आतंकियों के समर्थकों की दवेषपूर्ण साज़िशों को व्यवहारिक बनाने का केन्द्र बन गया है। सीरिया के विरोधी धड़ों की ओर से रुकावट के कारण जनेवा वार्ताएं बेनतीजा हो गयीं और डी मिस्तूरा इस सच्चाई को मानने के बजाए सीरियाई सरकार के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार में विरोधियों का साथ देने लगे।(MAQ/T)

 

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