Sep ०५, २०२० २२:१६ Asia/Kolkata
  • इमामे मक्का ने आख़िरकार पहल कर ही दी, सोशल मीडिया पर जमकर हुई खिंचाई...

सोशल मीडिया पर सक्रिय कार्यकर्ताओं ने मक्के के इमाम अब्दुर्रहमान सुदैस के जुमे के भाषण को तेलअवीव- रियाज़ संबंधों को सामान्यस बनाने की भूमिका क़रार दिया है।

सोशल मीडिया पर इमामे मक्का के जुमे के ख़ुत्बे पर ख़ूब चर्चा हो रही है और लोग इस बारे में ख़ूब सवाल कर रहे हैं कि इस्लाम में यहूदियों के साथ सहयोग के बारे में उनके इशारों का क्या मतलब है।

मक्के के इमाम ने अपने जुमे के भाषण में कहा था कि आस्था संबंधी महत्वपूर्ण मुद्दों में, बुरों से दूर रहना और अच्छों से निकट रहने के विषय को सही ढंग से न समझ पाना है। उनका कहना था कि इस विषय में बहुत से नौजवान हैरान व परेशान रहते हैं और दिल की आस्था, और अंतर्राष्ट्रीय व व्यक्तिगत संबंधों में इस विषय को लेकर हैरान व परेशान तथा असमंजस का शिकार रहते हैं। ग़ैर मुस्लिमों से मेलजोल इस विषय से विरोधाभास नहीं रखता कि उनके साथ अच्छा बर्ताव किया जाए, उनके ख़याल रखा जाए, उनसे प्रेमपूर्वक बर्ताव किया जाए और उनको इस्लाम की शिक्षाओं की ओर प्रेरित किया जाए।

मक्के के इमाम अब्दुर्रहमान सुदैस ने उन घटनाओं का उल्लेख किया जिनमें पैग़म्बरे इस्लाम ने यहूदियों के साथ नेक बर्ताव किया था। उनका कहना था कि पैग़म्बरे इस्लाम का स्वर्गवास हो गया और उनकी ढाल एक यहूदी के पास थी, एक यहूदी के पड़ोस में अच्छे ढंग से रहने की वजह से वह मुसलमान हो गया... इत्यादि।

मक्के के इमाम के इस भाषण पर सोशल मीडिया में हंगामा मच गया और अलजीरिया के एक यूज़र अहमद अलजज़ाएरी अहमदी ने कहा कि यहूदी अपने वचनों पर बाक़ी नहीं रहते, उन्होंने ईश्वरीय आदेशों की अवहेलना की, ईश्वरीय दूतों की हत्या की और प्रलय के दिन अपमानित होंगे, कायर और विश्वासघाती अरब यहूदियों को शक्तिशाली और प्रतिष्ठित समझते हैं और उनसे डरते हैं, जबकि ग़ज़्ज़ा के बहादुरों ने यहूदियों को अपमानित कर दिया और पूरी शक्ति और ताक़त व बहादुरी से उनसे संघर्ष कर रहे हैं।

अरब के एक वेबलागर आरिफ़ बिन मुख़लिसी नाब्लिसी लिखते हैं कि सैदस मुसलमानों के दुश्मनों की इच्छाओं को लागू कर रहे हैं वह उन लोगों में हैं जो धर्म को अधिकारियों के हितों पर बर्बाद करना चाहते हैं।

मिस्र के पूर्व वक़्फ़मंत्री के सलाहकार मुहम्मद सग़ीर ने सुदैस को मुनाफ़िक़ बताया और कहा कि उनके पीछे नमाज़ पढ़ना सही नहीं है। उनका कहना था कि सुदैस ने मक्के की धरती से इस्राईल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की वकालत की है।

मुहम्मद सग़ीर लिखते हैं कि काबे के रब की सौगंध जो सुदैस ने कहा वह खुला हुआ दोहरा मापदंड है, खुली हुई मुनाफ़ेक़त है, उनकी और उनके पीछे नमाज़ पढ़ने वालों की नमाज़ सही है इसमें शक हो रहा है, सुदैस ने मक्के के मिंबर से ग़द्दारी की और इस्राईल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दावत दी। (AK)

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