अमरीका द्वारा तालेबान को राजनीतिक रंग देने से अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति नाराज़
(last modified Mon, 21 Jun 2021 16:13:50 GMT )
Jun २१, २०२१ २१:४३ Asia/Kolkata
  • अमरीका द्वारा तालेबान को राजनीतिक रंग देने से अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति नाराज़

अशरफ़ ग़नी ने इस बात की कड़ी आलोचना की है कि विश्व समुदाय विशेषकर अमरीका, तालेबान को राजनीतिक रंग दे रहा है।

अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति ने तालेबान को अपने देश में जारी युद्ध और हिंसा का ज़िम्मेदार बताते हुए विश्व समुदाय की इसलिए आलोचना की है कि वह एक हिंसक एवं आतंकवादी गुट को राजनीतिक मान्यता दे रहा है। 

अशरफ़ ग़नी ने अमरीका और तालेबान के बीच हुए समझौते की ओर संकेत करते हुए बल दिया कि यह हिंसक गुट रोज़ाना सार्वजनिक समपत्ति को नुक़सान पहुंचा रहा है।  यह लोग आए दिन आम नागरिकों को लक्ष्य बनाते हैं।  उन्होंने विश्व समुदाय से मांग की है कि वह तालेबान को प्रतिबंधित करते हुए उसकी हिंसा की निंदा करे।

अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति ने क्षेत्रीय देशों विशेषकर पाकिस्तान और ईरान से मांग की है कि वे अफ़ग़ानिस्तान में शांति एवं स्थिरता स्थापित कराने में सहयोग करें।  अशरफ़ ग़नी इससे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी और नाटो के सैनिकों की वापसी के साथ अब तालेबान की हिंसक कार्यवाहियों का समर्थन नहीं किया जा सकता।

तालेबान के साथ सीधी वार्ता के बाद, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान सरकार की कोई भी भूमिका नहीं थी अमरीका ने, तालेबान के साथ एकपक्षीय समझौता किया।  इस समझौते के बाद अमरीका ने काबुल सरकार पर दबाव डाला कि वह जेलों में बंद तालेबन के 5 हज़ार सदस्यों को आज़ाद करे।

जब से तालेबान के यह सदस्य आज़ाद किये गए हैं उसके बाद से अफ़ग़ानिस्तान में हिंसक झड़पों का सिलसिला तेज़ हो गया है।  हालांकि तालेबान ने वादा किया था कि उसके सदस्य आज़ाद हो जाने के बाद हिंसक कार्यवाहियां नहीं करेंगे।

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