पंजशेर के लोगों को बचाने की लगी गुहार, हज़ारों लोगों पर लटक रही है मौत की तलवार, बड़ी संख्या में हैं महिलाएं और बच्चे, तालेबान का निरंतर हमला...
(last modified Sun, 05 Sep 2021 08:28:36 GMT )
Sep ०५, २०२१ १३:५८ Asia/Kolkata
  • पंजशेर के लोगों को बचाने की लगी गुहार, हज़ारों लोगों पर लटक रही है मौत की तलवार, बड़ी संख्या में हैं महिलाएं और बच्चे, तालेबान का निरंतर हमला...

अफ़ग़ानिस्तान के उप राष्ट्रपति राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पंजशेर में तालेबानी संकट पर संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है।

सालेह ने संयुक्त राष्ट्र संघ और वैश्विक नेताओं से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने तालेबान से सुरक्षित अफ़ग़ानिस्तान के अंतिम गढ़ पंजशेर को बचाने के लिए अपने संसाधनों को तुरंत जुटाने की अपील।

संयुक्त राष्ट्र संघ को लिखे एक पत्र में अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि काबुल और अन्य बड़े शहरों में तालेबान के क़ब्ज़े के बाद पंजशेर पहुंची स्थानीय महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और 10,000 आईडीपी सहित लगभग 2,50,000 लोग इन घाटियों के अंदर फंस गए हैं और तालेबान से पीड़ित हैं। यदि इस स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया, तो पूरी तरह मानवीय तबाही, जिसमें भुखमरी, सामूहिक हत्या और नरसंहार देखने को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि तालेबानियों ने पंजशीर तक मानवीय पहुंच को रोक दिया है. यात्रियों से उसका नस्ल पूछते हैं। पंजशीर के सैन्य उम्र के पुरुषों को खदान में काम करवाया जाता है। उसके फोन, बिजली बंद कर देते हैं और दवा की भी अनुमति नहीं देते हैं। लोग कम मात्रा में ही नकदी ले जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले 23 वर्षों में आपातकालीन अस्पताल की शुरुआत के बाद से हमने कभी भी तालेबान को आने से नहीं रोका। तालेबानी अब युद्ध अपराध कर रहे हैं और आईएचएल के लिए उनका कोई सम्मान नहीं है।

ज्ञात रहे कि पंजशेर में तालेबान और प्रतिरोध बलों के बीच भीषण झड़पें देखने को मिल रही है। पंजशेर प्रांत में युद्ध के मैदान पर जीत का जश्न मनाने के दौरान कम से कम 17 लोग मारे गए और 41 घायल हो गए। यह इलाक़ा अभी भी तालेबान विरोधी लड़ाकों के नियंत्रण में है। (AK)

 

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