अफ़ग़ानों को कहीं भी सुकून नहीं न घर और न ही विदेश में, अफ़ग़ानी कूटनयिक दूसरे देशों में शरण के लिए तैयार
(last modified Fri, 17 Sep 2021 12:26:20 GMT )
Sep १७, २०२१ १७:५६ Asia/Kolkata
  • अफ़ग़ानों को कहीं भी सुकून नहीं न घर और न ही विदेश में, अफ़ग़ानी कूटनयिक दूसरे देशों में शरण के लिए तैयार

विश्व के विभिन्न देशों में तैनान अफ़ग़ानिस्तान के कूटनयिक अब अपने देश वापस न आकर विदेश में ही रहना चाहते हैं।

अफ़ग़ानिस्तान पर तालेबान के नियंत्रण के बाद इस देश के सैकड़ों राजनयिकों का जीवन अधर में है।  उनके पास दूतावास चलाने के लिए धन नहीं हैं।  विदेशों में फंसे यह अफ़ग़ान कूटनयिक अपने देश में अपने परिजनों की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं।

जर्मनी, जापान और कनाडा सहित कई देशों में मौजूद अफ़ग़ानी कूटनयिकों ने हालात को बहुत ही निराशाजनक बताया है।  उनका कहना है कि दूतावासों को चलाने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं एसे में अपने देश से दूर रहकर हम क्या कर सकते हैं।  इन अफ़ग़ानी राजनयिकों में से अधिकांश वापस अफ़ग़ानिस्तान जाना नहीं चाहते हैं।  उनकी इच्छा है कि उनको किसी देश में शरण मिल जाए।  बताया जा रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के कई दूतावास इस समय निष्क्रय पड़े हुए हैं।

इसी बीच तालेबान ने सभी दूतावासों मे काम-काज जारी रखने पर बल दिया है।  तालेबान के विदेशमंत्री का कहना है कि दूतावास देश की संपत्ति हैं।

याद रहे कि अफ़ग़ानिस्तान पर तालेबान के क़ब्ज़ के बाद इस देश में मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है।  वहां के अधिकांश लोग भुखमरी का शिकार हैं।  लोगों के पास रोज़गार और आय का कोई साधन नहीं है।  इसी बीच अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अफ़ग़ानिस्तान से अपने हाथ खींच लिए हैं।  अब देखना यह है कि वहां पर आगे क्या होता है?

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