आईएईए की पारदर्शिता की पोल खुल गयी आकस समझौता जटिल है लेकिन मैनेज के क़ाबिल है
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी आईएईए के महानिदेशक ने कहा है कि आकस के नाम से प्रसिद्ध अमरीका, ब्रिटेनि और आस्ट्रेलिया के बीच होने वाले समझौते की समीक्षा करना बहुत ही जटिल और कठिन काम है।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी आईएईए के महानिदेशक रफ़ाएल ग्रोसी ने दावा किया है कि यद्यपि यह समझौता बहुत जटिल अवश्य है लेकिन उनके कथानानुसार मैनेज किया जा सकता है।
अमरीका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के प्रमुखों ने हाल ही में हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर के क्षेत्र के बारे में कूटनयिक, सुरक्षा और सामरिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके अंतर्गत परमाणु पनडुब्बियों की तैयारी में आस्ट्रेलिया की मदद की जाएगी।
विदेशी मीडिया हल्क़ों और मीडिया सत्रों का कहना है कि इस नये समझौते का मुख्य उद्देश्य, पूर्वी एशिया और दुनिया के अन्य क्षेत्रों में चीन के बढ़ते हुए प्रभाव का मुक़ाबला करना है और इस कार्यवाही पर बीजिंग और उसके घटकों की ओर से किसी भी प्रकार की ठोस प्रतिक्रिया का आना निश्चित है। (AK)
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